साल 2024 चुनाव से पहले विपक्षी खेमे में फूट? शरद पवार के बयान पर कांग्रेस ने साधा निशाना, कहा- पूंजीपति चोरों से भी और चोरों को बचाने वाले...

विपक्षी दलों में फूट साल 2024 चुनाव से पहले विपक्षी खेमे में फूट? शरद पवार के बयान पर कांग्रेस ने साधा निशाना, कहा- पूंजीपति चोरों से भी और चोरों को बचाने वाले...

Bhaskar Hindi
Update: 2023-04-09 05:00 GMT
साल 2024 चुनाव से पहले विपक्षी खेमे में फूट? शरद पवार के बयान पर कांग्रेस ने साधा निशाना, कहा- पूंजीपति चोरों से भी और चोरों को बचाने वाले...

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी की सदस्यता जाने पर सारे विपक्षी दल एक मंच पर आते हुए दिखाई दे रहे थे लेकिन शरद पवार और भतीजे अजित पवार के एक बयान ने विपक्षी खेमे में फूट डाल दी है। कांग्रेस पार्टी का जो सपना था कि सारे विपक्षी दल एक साथ आकर लोकतंत्र की रक्षा "मोदी सरकार" से करें, वो सपना फिलहाल टूटता हुआ दिखाई दे रहा है।  

दरअसल, शरद पवार की ओर से कल यानी 8 अप्रैल को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में विपक्ष की ओर से अडानी मामले में "जेपीसी" से जांच कराने की मांग को गलत ठहराया दिया गया था। पवार ने उसे नकारते हुए कहा था कि, इससे कुछ नहीं फायेदा होगा क्योंकि बीजेपी के सदस्य भी इसमें शामिल होते, जो जांच को प्रभावित करते। अब इसी मामले पर कांग्रेस नेता अलका लांबा ने एनसीपी प्रमुख का एक फोटो ट्विटर पर शेयर करते हुए उन पर निशाना साधा है और उन पर आरोप लगाया है कि, शरद पवार मौजूदा सरकार का गुणगान कर रहे हैं।

पवार को मिला कांग्रेस से जवाब

बता दें कि, शरद पवार ने जब से जेपीसी की मांग को गलत बताया है तब से अलग-अलग राजनीतिक दलों के नेताओं का रिएक्शन सामने आ रहा है। इसी के देखते हुए अलका लांबा ने भी एक ट्वीट किया। जिसमें लिखा "डरे हुए, लालची लोग ही आज अपने निजी हितों के चलते तानाशाह सत्ता के गुण गा रहे हैं। देश के लोगों की लड़ाई एक अकेले राहुल गांधी लड़ रहे हैं। पूंजीपति चोरों से भी और चोरों को बचाने वाले चौकीदार से भी।" इससे पहले लंबा ने शरद पवार के भतीजे अजित पवार द्वारा पीएम मोदी के प्रशंसा करने पर भी एक ट्वीट किया था। जिसमें निशाना साधते हुए लांबा ने लिखा था "अजित पवार की मजबूरियों को समझिये - जेल जाने से बचना है तो तानाशाह के सामने झुकना है।"

शरद पवार ने क्या कहा था? 

दरअसल, कांग्रेस को झटका देते हुए एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने बीते दिनों मीडिया से बातचीत के दौरान कहा था "मैंने यही कहा कि जेपीसी की जांच की कोई जरूरत नहीं है, क्योंकि जेपीसी की कोई भी जांच प्रभावी तरीके से नहीं हो सकती। जब जेपीसी बनेगी उसमें बीजेपी का बहुमत रहेगा और अन्य दलों को अधिकतम एक या दो सदस्यों का ही प्रतिनिधित्व मिल पाएगा और ऐसे में वही निष्कर्ष निकाला जाएगा जो सत्ता पक्ष को चाहिए होगा।"

कांग्रेस को 440 का वोल्ट

शरद पवार से पहले भतीजे अजित पवार भी कांग्रेस पार्टी को 440 वोल्ट का झटका दे चुके हैं। रमजान के खास मौके पर पुणे में एनसीपी ने इफ्तार पार्टी रखी थी। जिसमें तमाम बड़े नेताओं ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया था। इसी कार्यक्रम के दौरान अजित पवार ने कांग्रेस के दुखती नस पर हाथ रखते हुए कहा था "आपको क्या लगता है, इससे मुझे लेना-देना नहीं। जो इंसान 9 साल से पंतप्रधान के तौर पर काम कर रहा है जिनके नाम पर 2014 में उस पार्टी को बहुमत मिला जिनके सिर्फ दो एमपी थे, ये करिश्मा मोदीजी का ही है।"

अजित पवार यहीं नहीं रूके, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी के नेताओं द्वारा पीएम नरेंद्र मोदी की डिग्री को लेकर किए गए सवाल को लेकर कहा "अब 9 साल के बाद ये मुद्दा क्यों उठाया जा रहा है? इसका क्या फायदा? राजनीतिक में डिग्री की कोई शर्त नहीं होती। लोगों ने सब देखा है। उनका काम देखा है।"

कांग्रेस पार्टी का क्या होगा स्टैंड

एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार के इस बयान के बाद से ही राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं शुरू हो गई हैं। राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक, कहीं आगामी लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी खेमे में फूट की ये सुगबुगाहट तो नहीं है। कुछ विश्लेषक ये भी कह रहे हैं कि, हाल ही में कांग्रेस ने अपने रायपुर में आयोजित पार्टी अधिवेशन में सभी दलों को एक मंच पर आने का न्योता दिया था लेकिन फिलहाल वो होता हुआ दिखाई तो नहीं दे रहा है। हालांकि, राहुल गांधी की सदस्यता रद्द होने पर सारे दल के नेता एक साथ देखे गए लेकिन शरद पवार का यह बयान किसी के गले उतर नहीं रहा है। इसके बावजूद अब ये देखना दिलचस्प होगा कि, कांग्रेस पार्टी का अगला स्टैंड क्या होता है?


 

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