पश्चिम बंगाल: TMC विधायक का इस्तीफा, ममता बोलीं- एक-दो के जाने से फर्क नहीं पड़ता

पश्चिम बंगाल: TMC विधायक का इस्तीफा, ममता बोलीं- एक-दो के जाने से फर्क नहीं पड़ता

Bhaskar Hindi
Update: 2020-12-16 11:37 GMT
पश्चिम बंगाल: TMC विधायक का इस्तीफा, ममता बोलीं- एक-दो के जाने से फर्क नहीं पड़ता

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल में होने वाले विधान सभा चुनाव से पहले ममता बनर्जी सरकार को बुधवार को बड़ा झटका लगा।शुभेंदु अधिकारी ने बगावती तेवर दिखाते हुए तृणमूल कांग्रेस के विधायक पद से इस्तीफा दे दिया। अधिकारी पहले ही राज्य में परिवहन मंत्री के पद से इस्तीफा दे चुके हैं। पश्चिम बंगाल में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं, लेकिन चुनाव से पहले ही ममता बनर्जी सरकार की मुश्किलें बढ़ती हुईं नजर आ रही हैं। 

इस बीच सूबे की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बिना नाम लिए शुभेंदु अधिकारी पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि TMC एक बरगद के पड़े की तरह है। एक-दो लोगों के जाने से कोई फर्क नहीं पड़ता। इस दौरान ममता ने बीजेपी पर भी जमकर निशाना साधा। कूचबिहार में एक रैली को संबोधित करते हुए ममता बनर्जी ने कहा “जो अच्छा काम करेंगे, उन्हें टिकट मिलेगा, यह पार्टी का निर्णय है।

अधिकारी को दी गई है जेड प्लस सुरक्षा
शुभेंदु अधिकारी की सुरक्षा को भी हाल ही में बढ़ाकर जेड प्लस कर दिया गया था। जानकारी के अनुसार उन पर खतरे की आशंका को देखते हुए केंद्र सरकार ने यह कदम उठाया है। सुरक्षा बढ़ने के बाद शुभेंदु अधिकारी ने बीते दिनों मेदिनीपुर में आयोजित एक रैली में कहा था कि हाल के दिनों में उनके ऊपर 11 बार हमले किए गए हैं।

शुभेंदु के परिवार का 80 से ज्यादा सीटों पर असर
शुभेंदु अधिकारी मिदनापुर जिले के बड़े नेता माने जाते हैं। उनका परिवार कई साल से सियासत में है। शुभेंदु के पिता कांग्रेस से विधायक और सांसद रह चुके हैं। वे UPA सरकार में ग्रामीण विकास राज्य मंत्री थे और अभी तृणमूल कांग्रेस से सांसद हैं। शुभेंदु खुद लगातार विधायक और सांसद का चुनाव जीतते आ रहे हैं। पहली बार उन्होंने 2006 में विधानसभा चुनाव जीता था। इसके बाद 2009 में लोकसभा चुनाव जीते। 2014 में भी अपनी सीट पर कब्जा जमाया। 2016 में उन्होंने विधानसभा चुनाव लड़ा और जीतकर परिवहन मंत्री बने। शुभेंदु के एक भाई सांसद और दूसरे नगरपालिका अध्यक्ष हैं। इस परिवार का छह जिलों की 80 से ज्यादा सीटों पर असर है।

एक और विधायक ने अपनाए बागी तेवर 
उधर, शुभेंदु अधिकारी तृणमूल कांग्रेस के अकेले नेता नहीं हैं जिन्होंने बागी तेवर अपनाए हैं। पार्टी के ही एक और विधायक ने भी ऐसे संकेत दिखाने शुरू कर दिए हैं। आसनसोल से विधायक और शहर के मेयर रह चुके जितेंद्र तिवारी ने राज्य की ममता सरकार पर केंद्र की ओर से मिल रहे फंड को लेकर राजनीति करने का आरोप लगाया है। इसके अलावा जितेंद्र तिवारी ने राज्य के शहरी विकास मंत्री फिरहद हकीम से मिलने तक के लिए मना कर दिया है। उन्होंने कहा कहा है कि वो सिर्फ ममता बनर्जी से ही बात करेंगे। जितेंद्र तिवारी ने आरोप लगाया है कि महज राजनीति के चलते राज्य सरकार आसनसोल नगर निगम को केंद्र से मिलने वाले फंड का इस्तेमाल नहीं करने दे रही है। 

भाजपा में शामिल हो सकते हैं अधिकारी
अगले साल पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव होने हैं और सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस के लिए आसार गड़बड़ नजर आ रहे हैं। माना जा रहा है कि तृणमूल कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद अब शुभेंदु अधिकारी भाजपा में शामिल हो सकते हैं। बंगाल भाजपा भी कहती रही है कि तृणमूल के असंतुष्ट नेताओं के लिए उसके दरवाजे खुले हैं। 

 

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