रोहित शर्मा बोले- मैं फुल टाइम कप्तान बनने के लिए पूरी तरह तैयार हूं

रोहित शर्मा बोले- मैं फुल टाइम कप्तान बनने के लिए पूरी तरह तैयार हूं

Bhaskar Hindi
Update: 2018-09-29 14:04 GMT
रोहित शर्मा बोले- मैं फुल टाइम कप्तान बनने के लिए पूरी तरह तैयार हूं
हाईलाइट
  • रोहित शर्मा ने कहा है कि वह फुल टाइम कप्तान बनने के लिए तैयार हैं।
  • रोहित ने अपनी कप्तानी में भारत को निदाहास ट्रॉफी और एशिया कप जैसे दो बड़े टूर्नामेंट जिताए हैं।
  • रोहित ने कहा कि उन्होंने धोनी से ही कप्तानी सीखी है।

डिजिटल डेस्क, दुबई। एशिया कप में भारत के कार्यवाहक कप्तान रहे रोहित शर्मा ने कहा है कि वह फुल टाइम कप्तान बनने के लिए तैयार हैं। रोहित ने कहा कि उन्हें अगर BCCI यह मौका देती है तो वह यह जिम्मा उठाने को तैयार हैं। बता दें कि रोहित ने अपनी कप्तानी में भारत को निदाहास ट्रॉफी और एशिया कप जैसे दो बड़े टूर्नामेंट जिताए हैं।

रोहित ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "मैं निश्चित तौर पर तैयार हूं। हमनें हाल ही में जीत दर्ज की है। कोई भी जीत एक कप्तान को आत्मविश्वास देती है कि हां मैं यह कर सकता हूं। जब भी मौका दिया जाएगा, मैं टीम इंडिया को लीड करने के लिए तैयार रहूंगा।" 

एशिया कप ट्रॉफी जीतने के बाद कोच रवि शास्त्री ने रोहित की तारीफ की थी। शास्त्री ने कहा था कि रोहित पूर्व कप्तान धोनी की तरह शांत रहते हैं। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए रोहित ने कहा कि उन्होंने धोनी से ही कप्तानी सीखी है और उन्हें इस बात का गर्व भी है। रोहित ने कहा, "मैंने कई सालों से उन्हें कप्तानी करते देखा है। वह किसी भी दबाव वाली परिस्थिति में घबराते नहीं हैं। उन्हें मैंने ऑन फील्ड आज तक परेशान नहीं देखा है। वह परिस्थितियों को परखते हैं और फैसला लेने में थोड़ा समय लेते हैं। इसी वजह से वह दुनिया के सबसे बेहतरीन कप्तान हैं।"

रोहित ने कहा, "यही चीज मुझमें भी है। मैं कोई भी फैसला लेने से पहले सोचता हूं और इसके बाद प्रतिक्रिया देता हूं। वनडे फॉर्मेट में आपको पर्याप्त समय मिल जाता है। मैंने कप्तानी उन्हीं से सीखी है। मुझे या किसी खिलाड़ी को कोई भी सुझाव की जरूरत होती है तो वह हमेशा मदद करने के लिए तैयार रहते हैं।"

रोहित से यह पूछे जाने पर कि एक कप्तान की क्या-क्या चुनौतियां होती हैं और वह इसे किस प्रकार डील करता है? इसका जवाब देते हुए रोहित ने कहा कि किसी भी टीम के लिए यह चुनौतीपूर्ण होता है। जब आपके टीम का कोई सीनियर खिलाड़ी रेस्ट कर रहा हो, तो आपके उसका रिप्लेसमेंट चाहिए होता है। हालांकि आप सभी को तो नहीं खेला सकते और इसके लिए किसी को तो बिठाना पड़ता है। जब भी वह सीनियरखिलाड़ी टीम में आएगा तो दूसरे खिलाड़ी को खुद ही हटना पड़ेगा। इस बात को टीम और उसके खिलाड़ी भी बखूबी समझते हैं।

रोहित ने कहा, "टीम में हो या नहीं हो इसका मतलब यह तो नहीं कि आप खिलाड़ी नहीं हैं। यह खिलाड़ियों पर निर्भर करता है कि जब भी मौका मिले तो उस मौके को भुनाएं। खिलाड़ियों को मैदान पर टीम में अपनी जगह के बारे में सोचे बिना नेचुरल गेम खेलना चाहिए। खिलाड़ियों को बिना किसी दबाव में खेलना चाहिए।" 

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