Bday special : क्रिकेट, सेना और पद्म भूषण कुछ ऐसा है एमएस धोनी की जिंदगी का सफर

Bday special : क्रिकेट, सेना और पद्म भूषण कुछ ऐसा है एमएस धोनी की जिंदगी का सफर

Bhaskar Hindi
Update: 2018-07-07 05:53 GMT
Bday special : क्रिकेट, सेना और पद्म भूषण कुछ ऐसा है एमएस धोनी की जिंदगी का सफर

 

डिजिटल डेस्क। भारतीय क्रिकेट का जब भी जिक्र होता है तो कपिल देव, मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंडुलकर और महेंद्र सिंह धोनी का जिक्र जरूर किया जाता है। इन तीनों ही खिलाड़ियों ने भारत को वर्ल्ड कप दिलाने में अहम भूमिका निभाई है। कपिल देव और सचिन तेंडुलकर ने क्रिकेट से रिटायरमेंट ले लिया है, लेकिन एम एस धोनी आज भी पिच पर जमे हुए हैं और बेहतरीन प्रदर्शन कर रहे हैं। एमएस धोनी टीम इंडिया का वो सितारा हैं, जिन्होंने भारतीय क्रिकेट को बहुत कुछ दिया। भारतीय क्रिकेट में 14 साल का उनका अब तक का सफर बेमिसाल रहा है। वो ना केवल बेहतरीन क्रिकेटर और कैप्टन के तौर में जाने जाते हैं बल्कि जानने वाले उन्हें एक बेहतरीन शख्सियत मानते हैं। कपिल देव ने 1983 में अपनी कप्तानी में वर्ल्ड कप जिताया था और धोनी ने अपनी कप्तानी में वर्ल्ड कप के साथ-साथ कई बड़ी सीरीज में भारत को जीत दिलाई है। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी का आज 37वां जन्मदिन है। 

 

 

 

वैसे तो भारतीय क्रिकेट का रुख तो 1983 में ही बदल गया था जब लॉर्ड्स के मैदान पर कपिल देव की भारतीय टीम को पहली बार वर्ल्ड कप दिलाया था। उसके बाद कई उम्दा खिलाड़ी आए लेकिन जो अंदाज धोनी का रहा और जो जीत भारत ने धोनी के दौर देखी और देख रहा है उसने भारतीय क्रिकेट का ही चेहरा बदल कर रख दिया है। धोनी के खेल से लेकर उनकी स्टाइल कुछ इस तरह लोगों के सिर चढ़ी जो आज तक नहीं उतरी है। भले ही आज धोनी कैप्टन ना हो लेकिन उनके पिच पर उतरने का इंतेजार लोग आज भी बेसब्री से करते हैं।  

 

 

 

 

कैसे शुरू हुआ क्रिकेट में धोनी का सफर 

जिस वक्त भारतीय क्रिकेट हार ज्यादा और जीत कम देख रहा था उस वक्त अचानक रांची से आए लंबे बालों वाले एक लड़के ने टीम में जगह बनाई और आते ही ऐसे चौके-छक्के लगाए कि दूसरी टीमों के बॉलर्स धोनी के सामने बॉल फेंकने से कतराने लगे। धीरे-धीरे महेंद्र सिंह धोनी का नाम लोगों की जुबान पर चढ़ गया और जब भी वो मैदान पर आते तो पूरे स्टेडियम केवल ही आवाज सुनाई देती थी.....धोनी.....धोनी....धोनी।

 

जल्द ही रांची के इस लड़के ने टीम की कमान संभाल ली और धोनी ने भारतीय क्रिकेट को उन ऊंचाइंयों तक पहुंचा दिया कि दोबारा पीछे मुड़कर देखने की जरूरत नहीं पड़ी। धोनी की कप्तानी को अब तक भारतीय टीम की सबसे बेहतरीन कप्तानी माना गया है। उन्होंने कैप्टन रहते कई ऐसे फैसले लिए जो कोई और खिलाड़ी नहीं ले पाया। टीम के साथ उनके स्वाभाव को भी सबसे अच्छा माना जाता है और इसलिए उन्हें कैप्टन कूल भी कहा जाता है। 

 

धोनी ने अपने शांत स्वभाव और तेज दिमाग से ऐसा दिल जीता कि उन पर एक बायोपिक बनाई गई, जिसे देखकर धोनी के फैंस के दिल में उनके लिए इज्जत और भी बढ़ गई। वैसे तो फिल्म में धोनी के बारे में सब कुछ दिखाया गया, लेकिन आज उनके बर्थडे पर हम भी आपसे धोनी के बारे में कुछ और फैक्ट्स शेयर करेंगे।

 

 

 

 

धोनी का बचपन

7 जुलाई, 1981 को रांची में पान सिंह के घर जन्में महेंद्र सिंह धोनी बचपन से ही खेल के मैदान की ओर आकर्षित रहते थे। उनके परिवार में माता-पिता के अलावा उनकी बहन जयंती और भाई नरेंद्र भी हैं।

 

 

 

फुटबॉलर बनना चाहते थे धोनी 

धोनी का पहला प्यार फुटबॉल रहा है. वे अपने स्कूल की टीम में गोलकीपर थे। फुटबॉल से उनका प्रेम रह रहकर ज़ाहिर होता रहा है। इंडियन सुपर लीग में वे उन्होंने चेन्यैन एफसी टीम के मालिक भी हैं। फुटबॉल के बाद उन्हें बैडमिंटन भी खूब पसंद था।

 

 

 

रेलवे टीसी की नौकरी छोड़ भाग गए थे  कैप्टन कूल

क्रिकेट का रंग उन पर चढ़ चुका था और वो चर्चा में भी आ चुके थे, लेकिन समय करवट बदलने के साथ-साथ अनेक परीक्षाएं भी ले रहा था जिस दौरान 2001 से 2003 के बीच वो भारतीय रेल में टीटीई की नौकरी करते नजर आए। दोस्तों के मुताबिक वो ईमानदारी से नौकरी करते थे और कई बार खाली समय में खड़गपुर रेलवे स्टेशन पर मस्ती करने से भी नहीं चूकते थे। 

 

 

 

इंटरनेशनल क्रिकेट में धमाकेदार एंट्री

भारत में जहां क्रिकेटरों को शीर्ष स्तर तक पहुंचने में जीवन लगा देना होता है, वहीं धोनी की प्रतिभा कुछ अलग ही थी। जूनियर क्रिकेट से बिहार क्रिकेट टीम, झारखंड क्रिकेट टीम से इंडिया ए टीम तक और वहां से भारतीय टीम तक का उनका सफर महज 5-6 साल में पूरा हो गया। उन्होंने 1998 में जूनियर क्रिकेट की शुरुआत की थी और दिसंबर 2004 में उन्होंने बांग्लादेश के खिलाफ वनडे मैच के जरिए अपने अंतरराष्ट्रीय करियर का आगाज कर दिया।

 

 

 

पाकिस्तान के उड़ाए होश

धोनी बांग्लादेश के खिलाफ अपनी पहली सीरीज में कुछ खास नहीं कर पाए लेकिन अगली सीरीज में पाकिस्तान के खिलाफ अपने पांचवें वनडे मैच में विशाखापट्टनम में 123 गेंदों पर 148 रनों की पारी खेलकर इस खिलाड़ी ने सबकी जुबां पर एक सवाल छोड़ दिया, "वो लंबे बालों वाला लड़का, धोनी कौन है?"

 

 

 

जब परवेज मुशर्रफ ने की थी धोनी के बालों की तारीफ

पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ ने 2006 में लाहौर में खेले गए एक वनडे मुक़ाबले के दौरान धोनी की 46 गेंदों पर 72 रनों की पारी के बाद कहा था- मैदान में कई प्लेकार्ड लगे हुए हैं, जिसमें धोनी को हेयर कट की सलाह दी गई, लेकिन धोनी अगर मेरी मानें तो उन्हें बाल नहीं कटवाने चाहिए, इनमें वो बहुत अच्छे लगते हैं।

 

 

 

गाड़ियों व बाइक का शौक

महेंद्र सिंह धोनी मोटरबाइक्स के दीवाने हैं। उनके पास दो दर्जन लेटेस्ट मोटर बाइक मौजूद हैं। इसके अलावा उन्हें कारों का भी बड़ा शौक है. उनके पास हमर जैसी कई महंगी कारें हैं। इन के अलावा धोनी को मोटर रेसिंग से भी लगाव रहा है। उन्होंने मोटररेसिंग में माही रेसिंग टीम के नाम से एक टीम भी खरीदी हुई है। उनके गैराज में यामाहा आरडी 350, हार्ली डेविडसन फैटबॉय, दुकाती 1098, कावासाकी निन्जा H2 और सुपर एक्सक्लूसिव कॉन्फेड्रेट हेलकैट एक्स132 भी है। दक्षिण पूर्व एशिया में यह बाइक सिर्फ धोनी के पास है।

 

 

 

 

आईसीसी के तीनों ट्रॉफी के बॉस

महेंद्र सिंह धोनी इकलौते ऐसे कप्तान हैं, जिन्होंने आईसीसी की तीनों बड़ी ट्रॉफी पर कब्जा जमाया है। धोनी की कप्तानी में भारत आईसीसी की वर्ल्ड टी-20 (2007), क्रिकेट वर्ल्ड कप (2011) और आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी (2013) का खिताब जीत चुका है। महेंद्र सिंह धोनी भारतीय टीम की कप्तानी साल 2008 में संभाली थी। जब धोनी ने टीम की कप्तानी संभाली तो उनके पास कई चुनौतियां थी। जैसे की युवाओं को मौका देना और भविष्य के लिए टीम का निर्माण करना। धोनी ने उन सभी चुनौतियों का सामना करते हुए भारतीय टीम को कई ऐतिहासिक पल दिए। भारत ने धोनी की कप्तानी में पहली बार नंबर एक बनने का स्वाद चखा।

दिसंबर 2014 में धोनी ने टेस्ट क्रिकेट से अचानक संन्यास की घोषणा कर दी। एमएस धोनी दुनिया भर में सबसे ज्यादा कमाई करने वाले क्रिकेटर रहे हैं। टेस्ट से संन्यास लेने से पहले उनकी औसत आमदनी 150 से 190 करोड़ रुपये सालाना थी, जिसमें अभी भी बहुत ज़्यादा की कमी नहीं हुई है।

 

 

 

क्रिकेट के बाद फैमिली को देते है सारा समय 

करियर के शुरूआती दिनों में महेंद्र सिंह धोनी का नाम कई अभिनेत्रियों से जुड़ा था, लेकिन उन्होंने चार जुलाई 2010 को देहरादून की साक्षी रावत से शादी की। धोनी और साक्षी की एक बेटी भी है जिसका नाम जीवा है। धोनी अक्सर ही अपने बेटी के साथ फोटोज और वीडियोज शेयर करते रहते है। वो क्रिकेट बाद सबसे ज्यादा समय अपनी बेटी  और पत्नी के साथ बिताते है। 

 

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