भारत के लिए खास है ब्रिटिश धरती, बर्मिंघम में होगी पदकों की बारिश

Commonwealth Games 2022 भारत के लिए खास है ब्रिटिश धरती, बर्मिंघम में होगी पदकों की बारिश

Manuj Bhardwaj
Update: 2022-07-28 14:50 GMT
भारत के लिए खास है ब्रिटिश धरती, बर्मिंघम में होगी पदकों की बारिश

डिजिटल डेस्क, बर्मिंघम। कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 का उद्घाटन आज यानि 28 जुलाई को बर्मिंघम में होने जा रहा है, जिसके बाद कल यानि 29 जुलाई से एथलिट्स मैदान पर पदकों के लिए जोर-आजमाइश करते हुए नजर आएंगे। ओपनिंग सेरेमनी में भारतीय पुरुष हॉकी टीम के कप्तान मनप्रीत सिंह और ओलंपिक एवं कॉमनवेल्थ गेम्स दोनों में दो-दो पदक हासिल कर चुकी पी.वी सिंधु भारतीय दल की ध्वजवाहक होंगी। 

भारत की तरफ से कुल 205 खिलाड़ी 19 खेलों की 141 स्पर्धाओं में पदक के लिए दावेदारी पेश करेंगे। नीरज चोपड़ा और एम. सी मैरीकॉम जैसे दिग्गजों की अनुपस्थिति में खिलाड़ी अपना सर्वश्रेष्ठ देने की कोशिश करेंगे।
 
दरअसल, कॉमनवेल्थ गेम्स जब भी अंग्रेजी धरती पर आयोजित किए गए है, भारत के खिलाड़ियों का प्रदर्शन अच्छा ही रहा है। भारत ने अब तक ब्रिटेन में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में पांच बार हिस्सा लिया है। भारत ने साल 1934 में पहली बार कॉमनवेल्थ गेम्स में हिस्सा लिया था जिसका आयोजन लंदन में हुआ था। हालांकि, भारत उस समय केवल दो खेलों एथलेटिक्स और कुश्ती में ही हिस्सा लिया था। पहलवान राशिद अनवर ने 74 किलोग्राम में सिल्वर मेडल लाकर भारत को पहला पदक दिलाया था। लेकिन भारत साल 1938 में सिडनी और 1954 में वेंकूवर में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में पदक हासिल करने में नाकाम रहा था।

अंग्रेजी धरती पर भारत का प्रदर्शन 

वेल्स के कीर्डिफ में 1958 में आयाजित हुए कॉमनवेल्थ खेलों में भारत को दो स्वर्ण पदक मिले थे। ये पदक फ्लाइंग सिख मिल्खा सिंह और पहलवान लीला राम के बदौलत आए थे। इसके बाद साल 1970 में ब्रिटेन के स्कॉटलैंड में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत ने पांच स्वर्ण पदक सहित कुल 12 पदक हासिल किए थे। जिसमें 8 मेडल तो केवल कुश्ती में आए थे। स्कॉटलैंड में ही 1986 में हुए राष्ट्रमंडल खेलों में भारत ने हिस्सा नहीं लिया था। 

2002 मैनचेस्टर में हुई थी पदकों की बारिश 

इंग्लैंड के मैनचेस्टर में 2002 में हुए राष्ट्रमंडल खेल भारत के लिए बहुत अच्छा रहा, जिसमे भारत ने 30 स्वर्ण पदक सहित कुल 69 पदक अपनी झोली में डाले  थे। इस आयोजन में 14 स्वर्ण पदक निशानेबाजी से आए थे। लेकिन इस बार शूटिंग को शामिल नहीं किया गया है, जिससे भारत को नुकसान पहुंच सकता है। इसी कॉमनवेल्थ गेम्स में भारतीय महिला हॉकी टीम ने फाइनल में इंग्लैंड को 3-2 से हराकर गोल्ड कब्जा कर इतिहास रचा था। 

भारत ने पहली बार साल 2010 में नई दिल्ली में कॉमनवेल्थ गेम्स की मेजबानी की थी, जिसमें भारत 38 स्वर्ण पदक समेत कुल 101 पदक जीतने में कामयाब हुआ था। ये अब तक का भारत का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन था। लेकिन साल 2014 में ग्लासगो खेलों में वह इस प्रदर्शन को दोहराने में असफल रहा। हालांकि, फिर भी भारत ने 15 स्वर्ण पदक समेत 64 पदक हासिल किए थे।  

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