बॉल टैंपरिंग मामले में चांडीमल दोषी, श्रीलंकाई टीम ने किया था वॉक आउट

बॉल टैंपरिंग मामले में चांडीमल दोषी, श्रीलंकाई टीम ने किया था वॉक आउट

Bhaskar Hindi
Update: 2018-06-18 05:25 GMT
बॉल टैंपरिंग मामले में चांडीमल दोषी, श्रीलंकाई टीम ने किया था वॉक आउट

डिजिटल डेस्क, सेंट लूसिया। श्रीलंका टीम के कप्तान दिनेश चांडीमल पर वेस्टइंडीज के खिलाफ दूसरे टेस्ट में बॉल टैंपरिंग का दोषी पाया गया है। चांडीमल पर आरोप है कि उन्होंने गेंद की स्थिति को बदलने की कोशिश की है और आईसीसी ने उन पर लगे आरोपों की पुष्टि की है। आईसीसी ने एक ट्वीट किया है जिसमें कहा गया है चांडीमल पर आईसीसी आचार संहिता के लेवल 2.2.9 के उल्लंघन करने का आरोप लगाया गया है। ये आरोप ठीक वैसा ही है जैसा कि ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाज केमरन बैनक्रॉफ्ट के खिलाफ मार्च में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ लगा था। 

 

 

 

चांडीमल ने की गेंद से छेड़छाड़ !

 

टेस्ट के तीसरे दिन अंपायरों ने श्रीलंका के खिलाड़ियों को गेंद को खराब तरीके से चमकाने के कारण पांच रन पेनल्टी और गेंद बदलने का फैसला लिया था। जिसके बाद श्रीलंका के खिलाड़ियों ने अंपायरों के निर्णय का विरोध करते हुए मैदान पर उतरने से मना कर दिया था और खेल देरी से शुरू हुआ था। खेल शुरू होने से पहले कप्तान चांडीमल को अंपायरों के साथ लंबी बातचीत करते हुए देखा गया था। 

 

 

 


श्रीलंकाई टीम का मैदान पर उतरने से इंकार 

 

श्रीलंकाई टीम ने उस वक्त मैदान पर उतरने से इंकार कर दिया था जब अंपायर अलीम डार और इयान गाउल्ड उस गेंद की स्थिति से संतुष्ट नहीं थे और दूसरे दिन के खेल के आखिर में श्रीलंकाई टीम से कहा कि वे इस गेंद से खेल आगे जारी नहीं रख सकते। इसके बाद मैच रैफरी जवागल श्रीनाथ, श्रीलंकाई कोच चंडिका हथुरासिंघे और टीम मैनेजर असांका गुरूसिंघा के बीच बातचीत हुई। एक समय ऐसी स्थिति बन गई थी कि लग रहा था कि श्रीलंकाई टीम आगे का खेल खेलने के लिए मैदान पर नहीं उतरेगी लेकिन तभी मैच रैफरी के साथ हुई बातचीत के बाद श्रीलंकाई खिलाड़ी गेंद बदलने और आगे मैच खेलने को लेकर तैयार हो गए। श्रीलंकाई खिलाड़ी मैदान पर तो उतर गए लेकिन अंपायरों के साथ हुई चर्चा के बाद श्रीलंकाई टीम फिर वापस लौट गई। 

 


2006 में पाकिस्तान ने भी किया था खेलने से इंकार 

 

टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में ऐसा केवल एक बार हुआ जब किसी टीम ने मैदान पर खेलने से उतरने से मना कर दिया था और वो वाक्या साल 2006 का है जब पाकिस्तान ने गेंद से छेड़छाड़ के आरोप के बाद पांच रन की पेनल्टी लगने पर खेलने से मना कर दिया था। तब पाकिस्तान की टीम चौथे दिन चाय के बाद मैदान पर ही नहीं उतरी थी और अंपायर्स ने इंग्लैंड को विजेता घोषित कर दिया था। 

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