दरियादिली के कारण रोनाल्डो को नहीं हो सका टैटू से प्यार

दरियादिली के कारण रोनाल्डो को नहीं हो सका टैटू से प्यार

IANS News
Update: 2019-10-28 11:30 GMT
दरियादिली के कारण रोनाल्डो को नहीं हो सका टैटू से प्यार

नई दिल्ली, 28 अक्टूबर (आईएएनएस)। पुर्तगाली सुपरस्टार फुटबालर क्रिस्टीयानो रोनाल्डो हर लिहाज से लेजेंड हैं। उन्हें खेलते देखना अपने आप में एक ट्रीट है। वह मैदान के अंदर और मैदान के बाहर यूथ आइकॉन हैं। वह फेमस हैं। जवान हैं। स्टायलिश हैं और कई सौ करोंड़ डॉलर के मालिक हैं। रोनाल्डो ने अपने निजी जीवन में विलासिता से जुड़ा हर काम किया है लेकिन उन्हें कभी टैटू से प्यार नहीं हुआ।

इंग्लैंड के पूर्व कप्तान डेविड बेकहम ने यूरोपीयन फुटबाल में टैटू का चलन शुरू किया था। बेकहम ने अपनी पत्नी विक्टोरिया बेकहम का नाम अपने हाथ पर हिंदी में गुदवाकर चर्चा बटोरी। इसी तरह यूरोपीयन फुटबाल में खेल चुके दो महान खिलाड़ी-दानी आल्वेल और ज्लाटान इब्राहिमोविच के अलावा कई अन्य खिलाड़ियों ने अपने पूरे शरीर को टैटू से ढक लिया और गोल मारने के बाद जश्न की मुद्रा में कई बार अपनी जर्सी उतारकर उसका इजहार भी किया।

इस मामले में रोनाल्डो हालांकि गरीब हैं। इसका कारण यह है कि रोनाल्डो दिल के अमीर हैं। नेकदिल हैं। वह नियमित तौर पर जरूरतमंद लोगों को खून दान में देते हैं और इसी कारण उन्हें कभी टैटू से प्यार नहीं हो सका। इसका कारण यह है कि रेड क्रास के गाइडलाइंस मुताबिक अगर आप अपने शरीर के किसी भी हिस्से पर टैटू करवाते हैं तो आप तकरीबन एक साल तक किसी को खून नहीं दे सकते। इससे आपका खून ग्रहण करने वाले को संक्रमण का खतरा रहता है।

वेबसाइट-ग्रेटपरफॉरमर्सअकादमी डॉट कॉम के मुताबिक रोनाल्डो ने कभी भी अपने शरीर पर टैटू नहीं करवाने का फैसला किया है क्योंकि साफ-सुथरा शरीर उनके साफ-सुथरे मन का प्रतीक है। यही नहीं, रोनाल्डो ने तो अपने साथी कार्लोस मार्टिन के बेटे के लिए अपना बोन मैरो भी दान में दिया था। यही सब कारण है कि रोनाल्डो ने खुद को टैटू से दूर रखा।

नेकदिली की बात आई तो एक बात की चर्चा किए बगैर रोनाल्डो के व्यक्तित्व के इस पहलू को उजागर नहीं किया जा सकता। रोनाल्डो दोस्तों के दोस्त हैं। उनके एक दोस्त हैं अल्बर्ट फैंट्रा। आज अल्बर्ट कुछ नहीं करते लेकिन रोनाल्डो अपने इस बचपन के दोस्त का हर खर्च उठाते हैं।

इसका कारण यह है कि रोनाल्डो पर अल्बर्ट का बहुत बड़ा अहसान है और इतना बड़ा फुटबाल खिलाड़ी बनने के बाद भी रोनाल्डो उस अहसान को भूले नहीं हैं। रोनाल्डो ने कई बार अपनी सफलता का श्रेय अल्बर्ट को दिया है। रोनाल्डो ने एक बार कहा था कि अल्बर्ट ने लिस्बन अकादमी में मिले दाखिले को सिर्फ इसलिए छोड़ दिया था क्योंकि वह चाहते थे कि रोनाल्डो उस सीट पर दाखिला पाकर फुटबाल सीखें।

रोनाल्डो ने जब अल्बर्ट से इसका कारण पूछा था तो अल्बर्ट ने कहा था, तुम मुझसे बेहतर खिलाड़ी हो दोस्त। इसके बाद रोनाल्डो ने कभी अल्बर्ट का साथ नहीं छोड़ा।

यही सब कारण है कि रोनाल्डो एकमात्र ऐसे फुटबाल खिलाड़ी हैं, जिनके पूरे व्यक्तित्व के बारे में कनाडा विश्वविद्यालय में बकायदे पढ़ाई होती है। ब्रिटिश कोलंबिया ओकानागान विश्वविद्यालय में रोनाल्डो के जीवन और करियर पर आधारित पाठ्यक्रम है और चार वर्षीय मनोविज्ञान की डिग्री लेने वाले छात्र इसकी पढ़ाई करते हैं।

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