शारजाह की पारी मेरे लिए सबसे 'मुश्किल चुनौती' थी : सचिन

शारजाह की पारी मेरे लिए सबसे 'मुश्किल चुनौती' थी : सचिन

Bhaskar Hindi
Update: 2017-07-27 14:18 GMT
शारजाह की पारी मेरे लिए सबसे 'मुश्किल चुनौती' थी : सचिन

डिजिटल डेस्क, मुंबई। शारजाह में हुई त्रिकोणीय वनडे सीरीज में आस्ट्रेलिया के खिलाफ अपनी शानदार 143 रन की पारी से भारत को फाइनल में पहुंचाने वाले महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर ने गुरुवार को फिर बताया कि वह पारी शारीरिक रूप से कितनी कठिन थी। उन्होंने यह बात IDBI Life Insurance मुंबई हाफ मैराथन के कार्यक्रम के दौरान कही। यह मैराथन 20 अगस्त को आयोजित होगी।

तेंदुलकर ने बताया कि अप्रैल के महीने के मौसम को देखते हुए तापमान सचमुच काफी गर्म था, आप अपने जूते में इस गर्मी को महसूस कर सकते थे और ऐसे में आप सबसे पहले अपने पैरों को बर्फ से भरी बाल्टी में डालना चाहेंगे। तेंदुलकर ने यह एक कार्यक्रम के दौरान कहा, मेरा भी यही हाल था, वह मेरा एक अनुभव था जिसे मैं मुश्किल हालात के रूप में याद रखता हूं, क्योंकि इस दौरान दुनिया की सर्वश्रेष्ठ टीम आस्ट्रेलिया थी, कंगारुओं के खिलाफ खेलना और उन्हें इतने शानदार तरीके से हराना सचमुच काफी संतोषजनक था।

आपको बता दें कि Coca Cola Cup में तेंदुलकर की पारी की बदौलत, भारत ने 22 अप्रैल 1998 को फाइनल में प्रवेश किया था। वहीं 24 अप्रैल को फाइनल में तेंदुलकर ने 134 रन की पारी खेली, जिससे भारत ने आस्ट्रेलिया को हराकर खिताब जीता। न्यूजीलैंड टूर्नामेंट की तीसरी टीम थी। इन दोनों मैचों को याद करते हुए तेंदुलकर ने कहा, मेरे 48 घंटे का अनुभव शारजाह के मैच थे, जो मैंने 1998 में खेले। उन दिनों हम शारजाह में खेलते थे और वापस दुबई जाते थे। जब तक हम होटल पहुंचे, जब तक सामान खोला तब तक सुबह के दो बज गये या इतना ही समय था, जब मैं सोने गया। अगला दिन रिकवरी दिन था और उसके अगले ही दिन फाइनल था। यह सफर इतना आसान नहीं था। 

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