इन फुटबॉल प्लेयर्स के रिटायरमेंट की वजह जानकर चौंक जाएंगे आप

इन फुटबॉल प्लेयर्स के रिटायरमेंट की वजह जानकर चौंक जाएंगे आप

Bhaskar Hindi
Update: 2017-08-22 07:48 GMT
इन फुटबॉल प्लेयर्स के रिटायरमेंट की वजह जानकर चौंक जाएंगे आप

डिजिटल डेस्क, भोपाल। इन दिनोंं इंडिया में FIFA Under-17 World Cup का आयोजन किया जा रहा है। इस टूर्नामेंट में होस्ट होने के नाते इंडिया को सीधे क्वालिफाय किया गया है और वो पहली बार किसी FIFA इवेंट में हिस्सा ले रही है। इंडिया टीम का पहला मुकाबला शुक्रवार को अमेरिका के साथ खेला गया, जिसमें उसे 3-0 से हार का सामना करना पड़ा। इंडिया में फुटबॉल का क्रेज अभी उतना नहीं है, जितना क्रिकेट का है। बहुत से लोगों का सपना होता है कि वो बड़े होकर एक अच्छे फुटबॉल प्लेयर बन सके। इंडिया में फुटबॉल को अभी उतनी तवज्जो नहीं मिलती, लेकिन विदेशों में फुटबॉल के पीछे लोगों में बहुत दीवानगी है। विदेशों में फुटबॉल को लेकर अच्छी-खासी फैन फॉलोइंग है और ज्यादातर लोगों की ख्वाहिश होती है कि वो फुटबॉल प्लेयर बने, लेकिन कई बार फुटबॉल में अच्छा-खासा करियर होने के बाद भी कई खिलाड़ियों को इस खिलाड़ियों से दूर होना पड़ता है या रिटायरमेंट लेना होता है। कई बार खराब फॉर्म के चलते तो कई बार मजबूरी में खिलाड़ियों को रिटायरमेंट लेना पड़ता है। इन सबके बीच कुछ ऐसे खिलाड़ी भी हैं, जिन्होंने इस खेल से रिटायरमेंट ले लिया और जब इसकी वजह पता चली तो पूरी दुनिया भौंचक्की रह गई। आज हम आपको उन्हीं कुछ खिलाड़ियों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्होंने अजीबो-गरीब कारण बताकर इस खेल से रिटायरमेंट ले लिया।  

1. कार्लोस रोआ:

कार्लोस अर्जेंटिना के महान गोलकीपर माने जाते थे। वर्ल्ड कप-1998 के फाइनल में कार्लोस की वजह से ही अर्जेंटिना इंग्लैंड को हराने में कामयाब हो पाया था। इसके बाद से कार्लोस टॉप पर आ गए थे। लेकिन 1999 में कार्लोस ने अपने रिटायरमेंट की घोषणा करते ही सबको चौंका दिया था। इससे भी ज्यादा उनके रिटायरमेंट की वजह को जानकर लोगों को हैरानी हुई थी, क्योंकि कार्लोस ने फुटबॉल से सिर्फ इसलिए रिटायरमेंट ले लिया था क्योंकि उनका मानना था कि जल्दी ही दुनिया खत्म होने वाली है। इसके बाद उन्होंने मांस खाना और शराब पीना भी छोड़ दिया और भगवान की भक्ति में लग गए थे। हालांकि एक साल बाद ही उन्होंने फुटबॉल में फिर से वापसी की लेकिन फिर उन्हें वो पोजिशन नहीं मिली जो पहले थी। 

2. जॉर्डन सीब्राइट:

इंग्लैंड के इस खिलाड़ी ने सिर्फ 20 साल की उम्र में ही फुटबॉल छोड़ने का फैसला ले लिया था। अपने पूरे करियर में सिर्फ 17 बार खेलने वाले जॉर्डन ने फुटबॉल को इसलिए अलविदा कह दिया क्योंकि वो एक कार डीलर बनना चाहते थे। एक बार जॉर्डन कार खरीदने के लिए जब एक कार डीलरशिप के पास गए तो वहां पर मिली सर्विस से वो इतने खुश और प्रभावित हुए कि फिर उन्होंने कार डीलर बनने का फैसला कर लिया और फुटबॉल को हमेशा के लिए छोड़ दिया। 

3. वेंडेल लीरा:

वेंडेल लीरा को रिटायर हुए ज्यादा टाइम नहीं हुआ है और वेंडेल ने फुटबॉल के लिए जितना किया, उतना शायद ही कोई करे। 2015 में वेंडेल ने लियोनेल मेसी और कार्लोस तेवेज को पछाड़ते हुए "पुष्कस अवॉर्ड" हासिल किया था। ये अवॉर्ड अच्छा गोल करने पर दिया जाता है। 

4. चेज़ हेल्जनब्रिक:

चेज़ ने अपने फुटबॉल करियर की शुरुआत चिली के एक डिफेंडर के तौर पर की थी। बचपन से ही चेज़ का इंटरेस्ट धर्म और आध्यात्म में था। इस वजह से कभी भी उनका ध्यान खेल में नहीं रहा और आखिरकार उन्होंने अपने खेल से सिर्फ इसलिए रिटायरमेंट ले लिया क्योंकि वो एक पादरी (कैथोलिक फादर) बनना चाहते थे। सिर्फ 26 साल की उम्र में रिटायरमेंट लेने के बाद चेज़ ने एमिट्सबर्ग की माउंट सेंट मैरी नाम की सेमीनरी (पादरियों का एजुकेशन इंस्टीट्यूट) में दाखिला ले लिया। 

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