NRI बनकर महिला से 10 लाख की ठगी, जांच में मिला फर्जी सिम बेचने वाला
NRI बनकर महिला से 10 लाख की ठगी, जांच में मिला फर्जी सिम बेचने वाला
डिजिटल डेस्क, जबलपुर। जबलपुर शहर की एक महिला से मैट्रिमोनियल साइट पर संपर्क करके शादी का प्रस्ताव रखने वाले एक फर्जी NRI ने दस लाख रुपए ठग लिए, लेकिन महिला ने समय रहते स्टेट साइबर सेल में शिकायत कर दी।जिसके बाद पुलिस ने आरोपी के अलग-अलग खातों में जमा 6 लाख रुपए होल्ड करवा दिए। स्टेट साइबर टीम जांच करते हुए दिल्ली एनसीआर गुड़ग़ांव पहुंची, जहां पुलिस ने एक ऐसे सिम डिस्ट्रीब्यूटर को पकड़ा जिसने फर्जी कॉरपोरेट कंपनी के नाम पर 600 से ज्यादा सिम जारी करवा कर भेजी थीं। जांच में पता चला है कि जारी सिमों से देश के अलग-अलग राज्यों में करोड़ों के फर्जीवाड़े के साथ ड्रग्स और अन्य तरह के बड़े बड़े अपराधों को अंजाम दिया गया है।
रिमांड पर लेकर की जा रही पूछताछ
स्टेट साइबर टीम आरोपी को जबलपुर लेकर आई है जिसे रिमांड पर लेकर पूछताछ की जा रही है। स्टेट साइबर सेल के एसपी संदीप गोयंका ने बताया है कि जबलपुर की एक महिला ने शिकायत की थी कि एक अनजान व्यक्ति ने खुद को NRI बताते हुए मैट्रिमोनियल साइट पर शादी का प्रस्ताव दिया था और काफी दिन बातचीत के बाद उसके परिवार वालों के नाम कस्टम ड्यूटी के नाम पर अलग-अलग खातों में दस लाख रुपए जमा करवाए। लेकिन इसके बाद आरोपी ने अपना फेसबुक अकाउंट बंद कर दिया। जिसके कारण महिला ने शिकायत दी थी। एस पी गोयंका के अनुसार पुलिस ने तत्काल बैंको में संपर्क कर उसके खाते सीज करा दिए इनमें मात्र 6 लाख रुपए शेष थे बाकी के रुपए आरोपी उड़ा चुका था।
पुलिस टीम ने जांच करते हुए पाया कि जिस सिम से महिला से संपर्क किया था वह एयरटेल कंपनी की थीं जो प्रदीप कुमार द्वारा बेंची गई थी। टीम गुड़ग़ांव पहुंची और प्रदीप कुमार को हिरासत में ले लिया जिसके बाद पता चला कि प्रदीप कुमार ने परफेक्ट स्कोर सॉल्यूशन कंपनी के फर्जी दस्तावेज बनाकर कारपोरेट की 600 मिस एयरटेल कंपनी से निकलवा कर अलग अलग राज्य में बेजी थीं।
कई राज्यों में दर्ज है प्रकरण
एस पी गोयंका ने बताया कि जांच के दौरान चौंकाने वाली जानकारियां सामने आई प्रदीप कुमार ने जिन लोगों को सिम बेजी थीं उन्हें पंजाब ;कर्नाटक ;यूपी ;पश्चिम बंगाल और अन्य राज्यों में फर्जी नाम पता और कंपनी के नामों पर जारी किया था। इन सिमों के जरिए ड्रक्स तस्करी और धोखाधड़ी के अपराधों को अंजाम दिया गया। जिस फर्जी कंपनी के नाम पर सिम जारी की गईं हैं उसका संचालक मुंबई से होना पाया गया है।