महाराष्ट्र में 799 ट्रेनों से भेजे गए 11 लाख 54 हजार प्रवासी 

महाराष्ट्र में 799 ट्रेनों से भेजे गए 11 लाख 54 हजार प्रवासी 

Anita Peddulwar
Update: 2020-06-03 07:08 GMT
महाराष्ट्र में 799 ट्रेनों से भेजे गए 11 लाख 54 हजार प्रवासी 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्य सरकार ने बॉम्बे हाईकोर्ट को सूचित किया है कि महाराष्ट्र से 31 मई 2020 तक 799 ट्रेन रवाना की गई है जिसमें 11 लाख 54 हजार प्रवासी श्रमिकों को उनके गांव भेजा गया है। सरकार की ओर से गांव जाने के इच्छुक प्रवासी मजदूरों के भोजन, दवा व उनके रुकने के लिए व्यवस्था की गई थी। पुलिस उपयुक्त (ऑपरेशन) प्रणय अशोक ने अदालत के निर्देश के तहत इस मामले को लेकर हलफनामा दायर किया है।  यह हलफनामा  सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन व अन्य की ओर से दायर जनहित याचिका के जवाब में दायर किया गया है। याचिका में दावा किया गया है कि श्रमिक एक्सप्रेस से गांव जाने के इच्छुक मजदूरों को उनके आवेदन के विषय में जानकारी नहीं मिल रही है। जिससे उनकी परेशानी बढ़ रही है। पिछली सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने सरकार को लॉकडाउन के चलते फंसे मजदूरों को गांव भेजने को लेकर उठाए गए कदमों की जानकारी देने को कहा था। 

हलफनामे के अनुसार प्रवासी मजदूरों के ट्रेन टिकट के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष से 97.68 करोड़ रुपए की निधि जारी की गई है। जिसे हर जिले के अधिकारी के बीच वितरित किया गया है। इस निधि से मजदूरों के रेलवे की टिकट के लिए भुगतान किया गया है। राज्य सरकार ने मजदूरों के किराए का वहन किया है। मजदूरों की सहायता के लिए राज्य आपदा निधि से भी 210.56 करोड़ रुपए की निधि आवंटित की गई हैं। सरकार की ओर से मजदूरों के लिए राहत शिविर भी बनाए गए हैं। जहां उनके, भोजन, रहने व दवा की व्यवस्था की गई है। मुंबई महानगरपालिका की ओर से जरूरतमंदो को 6 लाख 61 हजार 968 खाने के पैकेट बांटे गए हैं। 

हलफनामे के मुताबिक ट्रेन से गांव जाने के इच्छुक मजदूरों को पुलिस स्टेशन में आवेदन करने के लिए कहा गया था। आवेदन के साथ अपनी सेहत की जानकारी लिखना अनिवार्य किया गया था। इसके बाद मजदूरों की सूची को आगे की मंजूरी के लिए सरकार के पास भेजा जाता है। सरकार से मंजूरी मिलने के बाद रेलवे से ट्रेन के संबंध में अधिसूचना की प्रतीक्षा की जाती है। रेलवे की ओर से ट्रेन के जाने की तारीख व समय की जानकारी मिलने के बाद तुरंत इसकी जानकारी मजदूरों के ग्रुप लीडर को दी जाती है, जो मजदूरों को एकत्रित करता है। फिर उन्हें बस से रेलवे स्टेशन ले जाया जाता है। एक ट्रेन में 1200 से 1450 यात्री बैठाए जाते हैं। इस याचिका पर हाईकोर्ट ने 5 जून को सुनवाई रखी है।

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