गोंदिया-भंडारा लोकसभा उपचुनाव में मतदान नहीं करेंगे 12 गांव के लोग, जानिए क्यों हो रहा है विरोध

गोंदिया-भंडारा लोकसभा उपचुनाव में मतदान नहीं करेंगे 12 गांव के लोग, जानिए क्यों हो रहा है विरोध

Anita Peddulwar
Update: 2018-05-17 05:40 GMT
गोंदिया-भंडारा लोकसभा उपचुनाव में मतदान नहीं करेंगे 12 गांव के लोग, जानिए क्यों हो रहा है विरोध

डिजिटल डेस्क, गोबरवाही (भंडारा)। सिंचाई से वंचित आदिवासी क्षेत्र के 12 गांव के ग्रामीणों ने गोंदिया-भंडारा लोकसभा उपचुनाव का बहिष्कार कर विरोध जताने का निर्णय लिया है। बावनथड़ी प्रकल्प संघर्ष समिति गोबरवाही ने जिलाधिकारी, उपविभागीय अधिकारी, तहसीलदार व पुलिस प्रशासन को उपरोक्त मांग का ज्ञापन सौंपा।

सिंचाई व्यवस्था न होने से नाराज हैं लोग
बावनथड़ी प्रकल्प संघर्ष समिति के पदाधिकारियों द्वारा दिए गए ज्ञापन अनुसार तुमसर तहसील के 12 ग्रामों में राजीव गांधी सिंचाई प्रकल्प से सिंचाई की व्यवस्था नहीं है। जबकि क्षेत्र के किसान केवल धान की खेती कर परिवार का पालन-पोषण करते हैं। उसी प्रकार गुडरी गांव में सरकार ने 40 वर्षों पूर्व सिंचाई तालाब बनाया था। उसकी नहरें नहीं बनायी गई। इन सभी कारणों से आदिवासी किसान सूखे की स्थिति का सामना करते हुए मरणासन्न अवस्था में आ गए। इन मुद्दे को लेकर 23 मार्च 2018 को गोबरवाही में सत्याग्रह आंदोलन किया गया था। तहसीलदार समेत प्रशासकीय अधिकारियों से मांगों पर अमल कर न्याय दिलाने की बात कही थी। ऐसे में सरकार व प्रशासन ने मांगों के संदर्भ में कार्रवाई नहीं की। जिसके कारण ग्रामीणों ने चुनाव का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है। संघर्ष समिति के कार्यकर्ता रात्रि में गांव-गांव जाकर जनजागरण कर रहे है। ग्रामीणों से चुनाव के बहिष्कार का आह्वान किया गया।

ये हैं वे 12 गांव
12 गावों में गणेशपुर, पवनारखारी, गोबरवाही, येदरबुची, सुंदरटोला, सीतासावंगी, गुडरी, खंदाड, सोदेपुर, हेटी, ब्हामनेवाडा, खैरटोला गांव शामिल हैं। ज्ञापन देते समय पंचायत समिति सदस्य तथा समिति के अध्यक्ष बालकृष्ण गाढवे व कार्यकर्ता उपस्थित थे। उल्लेखनीय है गोंदिया-भंडारा लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से पूर्व सांसद नाना पटोले द्वारा इस्तीफा देने के बाद यह सीट खाली हुई थी। हालांकि अगले साल लोकसभा चुनाव होने वाले हैं लेकिन जब इतने लंबे समय के लिए यहां सीट खाली नहीं रखी जा सकती थी इसलिए कोर्ट ने यहां उपचुनाव करवाने के निर्देश दिए थे। माना जा रहा था कि भाजपा से नाराज होकर कांग्रेस का दामन थामने वाले नाना पटोले यहां से चुनाव लड़ेंगे लेकिन वे उपचुनाव नहीं लड़ रहे हैं।

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