गरीबों के गेहूं में मिली 122 टन मिट्टी, जबलपुर से भेजा गया था 765 टन गेहूं

गरीबों के गेहूं में मिली 122 टन मिट्टी, जबलपुर से भेजा गया था 765 टन गेहूं

Bhaskar Hindi
Update: 2018-12-07 08:45 GMT
गरीबों के गेहूं में मिली 122 टन मिट्टी, जबलपुर से भेजा गया था 765 टन गेहूं

डिजिटल डेस्क, सतना। गरीबों को दिए जाने वाले गेहूं में 122 टन मिट्टी निकली है। इसका खुलासा वितरण के दौरान हुआ। लोगों के बवाल और आक्रोश के बाद वितरण पर रोक लगा दी गई है। हैरानी की बात यह है कि अधिकारियों को पहले से इसकी जानकारी थी, लेकिन उनके द्वारा किसी  प्रकार की कार्रवाई नहीं की गई। बताया जाता है कि 3 साल पहले जबलपुर से ही दो रैक में करीब 765 टन गेहूं सतना वितरण के लिए भेजा गया था। सूत्रों के मुताबिक शासकीय योजनाओं में बांटने के लिए तीन साल पहले जबलपुर से भेजे गए मिट्टी वाले गेहूंमें की गई गफलत की परते अब खुलकर सामने आ गई है। हैरानी की बात यह कि यहां के मंडी वेयर हाउस में रखे 427 टन गेहूं में 122 टन मिट्टी मिली है। यह आकड़ा और बढ़ सकता था लेकिन नान (नागरिक आपूर्ति निगम) ने चुपके से मिट्टी वाले गेहूं को पीडीएस में बांट दिया था। बवाल होने पर फिर इस गेहूं का वितरण रोक दिया। जानकारी के अनुसार मामला शांत होने के बाद नान तीन वर्ष पुराने इस गेहूंके वितरण के लिए एक बार फिर से तैयारी कर ली है। पहले तो नान ने शहर के तीन राइस मिलरों के यहां गेहूंमिट्टी अलग कराई और फिर वेयर हाउस में डंप करा दिया गया है। जानकारी के मुताबिक तीन साल पहले जबलपुर से दो रैक में करीब 765 टन गेहूं सतना भेजा गया था। उस समय नान ने इस गेहूंकी क्वालिटी जांचे बिना मंडी वेयर हाउस में रखवा दिया। इसमें से 338 टन गेहूंचोरी चुपके नान ने पीडीएस में वितरण भी करा दिया। इसके बाद बवाल मचने पर शेष बचे 427 टन गेहूंका वितरण रोक दिया। कुछ दिन पहले नान ने गेहूं से मिट्टी को अलग करने माहेश्वरी इण्डस्ट्रीज, एग्रो ट्रेडिंग कंपनी, विद्याश्री राइस मिल में भेजा गया। लेकिन इन राइस मिलरों के यहां से वेयर हाउस में 122 टन गेहूं कम पहुंच जिसे मिट्टी के तौर पर बाहर किया गया है।

अब चर्चाएं यह कि यह पूरा कारनामा जबलपुर से किया गया है। जबलपुर से ही मिट्टी मिला गेहूं सतना जिले को भेजा गया है। जानकार कहते हैं कि यदि इसकी जांच करायी जाती है, तो कई नेताओं सहित अधिकारियों की मिली भगत उजागर होने की संभावना है। बताया यह भी जा रहा है कि जो गेहूं वितरित कर दिया गया है, उसमें भी मिट्टी थी, लेकिन मामले को क्यों दबा दिय गया है, यह किसी की समझ में नहीं आ रहा है। अब शिकायतकर्ताओं ने इसकी जांच की मांग की है।

Similar News