गड़चिरोली की 156 ग्रापं बनेंगी हाईटेक, फटाफट होंगे कार्य

तैयारी गड़चिरोली की 156 ग्रापं बनेंगी हाईटेक, फटाफट होंगे कार्य

Anita Peddulwar
Update: 2021-11-16 08:49 GMT
गड़चिरोली की 156 ग्रापं बनेंगी हाईटेक, फटाफट होंगे कार्य

डिजिटल डेस्क, गड़चिरोली।  जन्म प्रमाणपत्र हो, चाहे जाति प्रमाणपत्र, खसरा या किसी भी सरकारी योजना का लाभ लेना हो, अब आदिवासियों को केवल एक क्लिक पर सभी योजनाओं की जानकारी मिल सकेगी। केंद्र सरकार की भारत नेट योजना के तहत गड़चिरोली जिले की कुल 156 ग्राम पंचायतों में यह सुविधा उपलब्ध होगी। उल्लेखनीय यह हैं कि, जिले के आदिवासी बहुल और नक्सल प्रभावित ग्रापं कार्यालयों में फाइबर ऑप्टीकल इंटरनेट के माध्यम से तकरीबन 2 एमबीपीएस की इंटरनेट सुविधा उपलब्ध होने से यह ग्राम पंचायतें अब हाईटेक बनने की कगार पर है। 

प्राप्त जानकारी के अनुसार, देश के अतिपिछड़े जिलों की सूची में शामिल गड़चिरोली में कुल 457 ग्राम पंचायत कार्यालयों का गठन किया गया है। इन ग्रापं के माध्यम से राज्य और केंद्र सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है। मात्र आधुनिकता के जमाने में इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध न होने के कारण आदिवासियों को योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। इस गंभीर समस्या से निजात पाने केंद्र सरकार ने भारत नेट नामक एक योजना का क्रियान्वयन करते हुए प्रथम चरण में जिले की 156 ग्रापं कार्यालयों को इंटरनेट से जोड़ने का निर्णय लिया है। निर्णय के तहत एल. एन्ड. टी. और यू. टी. एल. नामक कंपनियों के अधिकारियों ने 156 ग्रापं कार्यालयों तक फाइबर ऑप्टीकल केबल डाल दी है।

जल्द ही इन ग्रापं कार्यालयों में 2 एमबीपीएस स्पीड वाली इंटरनेट सुविधा आरंभ होगी। इन ग्राम पंचायतों में कुरखेड़ा तहसील की 20, देसाईगंज की 16, गड़चिरोली 33, आरमोरी 7, चामोर्शी में सर्वाधिक 73 और मुलचेरा तहसील की 7 ग्राम पंचायतों का समोवश है। राज्य सरकार द्वारा घोषित विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का लाभ पाने के लिए आज किसानों समेत सुशिक्षित बेरोजगार सीएससी केंद्रों के चक्कर कांट रहे हैं। मात्र अिधकांश केंद्रों में इंटरनेट की प्रभावी सुविधा उपलब्ध नहीं होने से संबंधितों को योजनाओं से वंचित रहना पड़ रहा है। मात्र अब 156 ग्राम पंचायतें हाईटेक होने की कगार पर होने से खासकर किसानों व बेरोजगारों को इससे अधिक लाभ मिलने के आसार दिखायी दे रहे हैं। उधर दक्षिण गड़चिरोली में आज भी प्रभावी इंटरनेट सुविधा के अभाव में सीएससी केंद्र केवल शाे-पीस बने हुए हंै। किसी भी तरह के कार्यो के लिए स्थानीय नागरिकों को तहसील मुख्यालय अथवा जिला मुख्यालय पहुंचना पड़ता है। सिरोंचा की हालत तो ऐसी हैं कि, स्थानीय नागरिकों को तेलंगाना की दूरसंचार सेवा पर निर्भर रहना पड़ता है।

कवरेज की समस्या हल करने लगेंगे 138 बीटीएस सिस्टम
जिले में बीएसएनएल की दूरसंचार सेवा में कवरेज की समस्या भी अब हल होगी। विभाग ने जिले के विभिन्न 138 टॉवरों में बीटीएस नामक उपकरण लगाने का निर्णय लिया है। बीटीएस उपकरणों के माध्यम से इंटरनेट और दूरसंचार सेवा की सीमा को बढ़ाया जाएगा। अधिकारिक सूत्रों के अनुसार एक टॉवर की रेंज तकरीबन 4 कि. मी. की होती है। मात्र अब यह बीटीएस सिस्टम लगाने के बाद इसकी रेंज दोगुणी होगी।

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