दुर्घटना में मृत महिला के परिजनों को 22 लाख का मुआवजा 

दुर्घटना में मृत महिला के परिजनों को 22 लाख का मुआवजा 

Anita Peddulwar
Update: 2021-06-05 12:08 GMT
दुर्घटना में मृत महिला के परिजनों को 22 लाख का मुआवजा 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। फुटपाथ राहगिरों के लिए बनाई जाती है गाड़ी चलाने के लिए नहीं। यह बात कहते हुए मोट र एक्सीडेंट क्लेम न्यायाधिकरण ने सड़क  हादसे में जान गवाने वाली महिला के परिजनों को 22 लाख रुपए मुआवजा देने का निर्देश दिया है। महिला की साल 2014 में अंधेरी इलाके में उस समय मौत हो गई थी जब वह फुटपाथ पर बैठी थी। तभी तेज रफ्तार टेम्पो के फुटपाथ पर चढ़ने से महिला की कुचल कर मौत हो गई थी। 


न्यायाधिकरण के सामने बीमा कंपनी ने दावा किया कि जब हादसा हुआ उस समय देवअम्मा कथला नाम की महिला फुटपाथ पर बैठी थी। इसलिए हादसे के लिए वह भी जिम्मेदार है। इस पर न्यायाधिकरण ने कहा कि फुटपाथ पर बैठना कोई अपराध नहीं होता है। वाहन चालक का यह दायित्व है कि वह सावधानी से गाड़ी चलाए। सावधानी से गाड़ी न चलाने के चलते हादसा हुआ है और महिला की जान चली गई है। वैसे फुटपाथ गाड़ी चलाने के लिए नहीं होती है। 

मामले से जुड़े तथ्यों पर गौर करने के बाद न्यायाधिकरण ने पाया कि 47 वर्षीय महिला एक निजी कंपनी के किचन में काम करती थी। उसका मासिक वेतन आठ हजार रुपए था। इस तरह से न्यायाधिकरण ने महिला की आमदनी को ध्यान में रखते हुए महिला के परिजनों को 22 लाख रुपए मुआवजा देने का निर्देश दिया। न्यायाधिकरण ने कहा कि इस मामले में बीमा कंपनी चाहे तो वह वाहन के मालिक से मुआवजे की रकम वसूल सकती है। क्योंकि ड्राइवर के पास पक्का लाइसेंस नहीं था। 


 

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