22 प्रतिशत लोग बेघर लेकिन फिर भी नीति आयोग की निगाह में अमरावती उन्नत शहर

अमरावती 22 प्रतिशत लोग बेघर लेकिन फिर भी नीति आयोग की निगाह में अमरावती उन्नत शहर

Anita Peddulwar
Update: 2022-01-13 07:01 GMT
22 प्रतिशत लोग बेघर लेकिन फिर भी नीति आयोग की निगाह में अमरावती उन्नत शहर

डिजिटल डेस्क, अमरावती। केंद्रीय नीति आयोग द्वारा 10 दिनों पूर्व जाारी की गई रिपोर्ट के अनुसार अमरावती शहर की 89 प्रतिशत आबादी अमीरों की श्रेणी में है। जबकि केवल 11 प्रतिशत आबादी ही गरीबी में जीवन गुजर बसर कर रही है। अमरावती शहर की 22 प्रतिशत आबादी अब भी बेघर बताई जा रही है। इसके बावजूद नीति आयोग शहर की जनता को संपन्न बता रहा है। शहर की करीब 64 प्रतिशत आबादी सरकारी योजनाओं का किसी न किसी रूप में लाभ ले रही है। इस स्थिति को जानने के बावजूद नीति आयेाग अमरावती शहर के नागरिकों को गरीब मानने से इंकार कर रहा है। नीति आयेाग की इस रिपोर्ट का असर जिले की गरीब जनता के कल्याण के लिए चलाई जानेवाली योजनाओं पर नकारात्मक रूप से दिखाई दे सकता है। 

नीति आयेाग की ओर से यह आंकडे वर्ष 2011 की जनगणना तथा वर्ष 2019-20 में की गई परिवार सर्वेक्षण के आधार पर जारी किए गए है। इन आंकडो में कहा जा रहा है कि गरीबी केवल आमदनी के जरिए निर्धारित नहीं की जा सकती। बल्कि इसमें घर, बिजली व पानी की व्यवस्था तथा रसोई गैस को भी शामिल किया गया है। सरकार द्वारा दी जानेवाली स्वास्थ्य सेवाओं, शिक्षा की व्यवस्था व मृत्युदर के आधार पर गरीबी की व्याख्या की गई है। सरकारी आंकडो के अनुसार फिलहाल अमरावती शहर में केवल 11 प्रतिशत आबादी ही गरीबी में जीवन व्यतित कर रही है। विशेष बात यह है कि लगभग इतनी ही प्रतिशत आबादी रसोई गैस से वंचित है। नीति आयेाग ने केवल रसोई गैस कनेक्शन के आधार पर करीब 90 प्रतिशत आबादी को श्रीमंत घोषित कर दिया है। 

नीति आयेाग के इसी सर्वेक्षण में यह भी कहा गया है कि पिछले 10 वर्षों में गरीबी रेखा के नीचे जीवन व्यतित करनेवालों की संख्या कम होने की बजाय बढ़ी है। जिसको देखते हुए जिले में स्कूल, स्वास्थ्य केंद्र, घरकुल जलापूर्ति, ऐसी विविध योजनाओं के स्तर को भी बढ़ाया गया है। भविष्य में सरकार द्वारा गरीबी रेखा से नीचे जीवन व्यतित कर रहे 11 प्रतिशत नागरिको के लिए अधिक कल्याणकारी योजनाएं लाने की बात भी इस रिपोर्ट मे कही गई है। 
 

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