महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री सहायता निधि में जमा हुए 265 करोड़ 

महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री सहायता निधि में जमा हुए 265 करोड़ 

Anita Peddulwar
Update: 2020-04-21 15:04 GMT
महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री सहायता निधि में जमा हुए 265 करोड़ 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। कोरोना की महामारी से निपटने के लिए लोग राज्य सरकार को आर्थिक मदद प्रदान कर रहे हैं। आम आदमी से लेकर कार्पोरेट घराने तक मुख्यमंत्री सहायता निधि में दान दे रहे हैं। मंगलवार को अंबरनाथ की एसीबी इंटरनैशलन प्रा. लि. ने मुख्यमंत्री सहायता निधि में 10 करोड़ रुपये जमा कराए। घाटकोपर स्थित हिंदी विद्या प्रचार समिति के सचिव डॉ राजेंद्र सिंह ने मुख्यमंत्री सहायत निधि और प्रधानमंत्री सहायता निधि में डेढ़-डेढ़ लाख रुपये दान दिए हैं। इनके अलावा भी कई और कंपनियों और लोगों ने पैसा जमा कराए हैं। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की अपील के बाद अब तक मुख्यमंत्री सहायता निधि में करीब 265 करोड़ रुपये जमा हुए हैं। नकद के अलावा बहुत से लोगों ने अस्पताल में लगने वाले सामान, मास्क, दवाईयां इत्यादि उपलब्ध कराए हैं। 

भारत मर्चेंट चेंबर ने दी 40 लाख की मदद
कपड़ा उद्योग से जुड़े संगठन भारत मर्चेंट चेंबर कोरोना के खिलाफ जंग में हर तरह से मदद कर रहा है। चेंबर बीएमसी व सरकारी अस्पतालों के लिए सामान व दवाईयां मुहैया करा रहा है। संस्था ने अस्पतालों के अलावा सरकारी डॉक्टरों और पुलिस स्टेशनों में जरूरत के सामान उपलब्ध कराए हैं। कोरोना वायरस के इस लड़ाई में मदद करने के लिए चेंबर के अध्यक्ष विजय लोहिया, ट्रस्टी राजीव सिंगल, चेंबर के पदाधिकारी जयकुमार गुप्ता, योगेद्र राजपुरिया, रमन गुप्ता, निलेश वैश्य व अन्य लोगों की एक टीम बनाई है जो मिलकर मदद काम करते हैं। चेंबर ने अब तक 125 इंफ्रा थर्मल यानी स्क्रीनिंग इंफ्रा रेड थर्मामीटर, 121 हॉट वॉटर डिस्पेंसर मशीन,  30,000 थ्री प्लाई फेस मास्क,  500 लीटर सेनेटाइजर, 25,000 हाथ के दस्ताने, 5,000 फेस शील्ड, 50 पल्स आक्सीमीटर, 1000 पीपीई किट, 500 स्ट्रीप्स  हाइड्रोक्सीक्लोरीन, 2000 स्ट्रीप्स मल्टी बिटामिन टैब्लेट्स, 240 चार लेअर हाई ग्रेड मास्क जैसे अन्य उपकरण व दवाईयां अस्पतालों को उपलब्ध कराया है

पुलिस जोन 5, जोन 9, जोन 11, जोन 12 के अंतर्गत आने वाले सभी पुलिस स्टेशन को हॉट वाटर मशीन, दवाईयां, मास्क, सेनेटाइजर इत्यादि दिया है। साथ ही दो लाख रुपये से ज्यादा के अनाज गरीब व जरूरतमंदों को बांटे हैं। इस संबंध में भारत मर्चेंट चेंबर के ट्रस्टी राजीव सिंगल का कहना है कि जब अस्पताल में सामान और दवाईयां होंगी तभी तो कोरोना के मरीजों का इलाज हो सकेगा। डॉक्टर जब सुरक्षित रहेगा तभी इलाज करेंगा, इसलिए हमारा पूरा ध्यान बीएमसी व सरकार अस्पतालों को हर संभव मदद करने पर है।

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