नागपुर जिले में जिला परिषद की 3 स्कूलों पर लगा ताला

नागपुर जिले में जिला परिषद की 3 स्कूलों पर लगा ताला

Anita Peddulwar
Update: 2020-09-21 09:31 GMT
नागपुर जिले में जिला परिषद की 3 स्कूलों पर लगा ताला

डिजिटल डेस्क,  नागपुर।  ग्रामीण क्षेत्रों में ज्ञान का दीपक जलाने के लिए छोटे-छोटे गांवों में जिला परिषद के स्कूल खोले गए। जिन स्कूलों में पढ़-लिखकर अनेक विद्यार्थी बड़े ओहदों पर पहुंचे भी हैं, आज उन्हीं स्कूलों को विद्यार्थी नहीं मिलने से बंद करने की नौबत आ गई है। इस वर्ष भिवापुर तहसील के (कलार), कुही तहसील के ब्राह्मणी और उमरेड तहसील के नांदरा जिला परिषद स्कूल पर ताला लगाना पड़ा है।

अंग्रेजी स्कूलों की ओर बढ़ रहा रुझान 
जिला परिषद स्कूल गरीबों की शिक्षा तक सिमटकर रह गए हैं। अंग्रेजी स्कूलों की ओर पालकों का रुझान बढ़ रहा है। अमीर वर्ग अपने बच्चों को मोटी फीस भरकर अंग्रेजी स्कूलों में पढ़ा रहे हैं। गांव के बच्चे अंग्रेजी स्कूल में पढ़ने के लिए शहर में जाने से जिला परिषद स्कूल बंद हो रहे हैं। विद्यार्थी संख्या बढ़ाने की उपाययोजना करना छोड़ सरकार ने कम विद्यार्थी संख्या वाले स्कूलों का अन्य स्कूलों में समायोजन करने की नीति अपनाई है। पिछले 4 वर्ष में अनेक स्कूलों का समायोजन किया गया है। इस वर्ष 3 स्कूलों में एक भी विद्यार्थी ने प्रवेश नहीं लिया है जिसके कारण इन स्कूलों को बंद करना पड़ा है।

जिप स्कूलों की यह स्थिति
जिले में जिप के 1536 स्कूल हैं। इसमें से 380 स्कूलों की विद्यार्थी संख्या 20 के आसपास है। 30 स्कूल ऐसे हैं, जहां 5 या इससे भी कम विद्यार्थी है। जिला परिषद स्कूलों की विद्यार्थी संख्या दिन-ब-दिन कम हो रही है। 

डिजिटलाइजेशन का कोई उपयोग नहीं
विद्यार्थियों को आकर्षित करने के लिए जिला परिषद स्कूलों का डिजिटलाइजेशन पर जोर दिया जा रहा है। अनेक स्कूलों में टीवी, वीडियो स्क्रीन, डिजिटल बोर्ड उपलब्ध कराए गए हैं, लेेकिन इनका इस्तेमाल नहीं किए जाने से धूल खाते पड़े हैं। डिजिटलाइजेशन पर लाखों रुपए खर्च करने पर भी उपयोग नहीं किए जाने से विद्यार्थियों को कोई फायदा नहीं हो रहा है।

प्रशासन का तर्क
भिवापुर तहसील का कांद्री (कलार) गांव गोसेखुर्द प्रकल्प में चले जाने से स्कूल बंद करने का प्रस्ताव है। कुही तहसील का ब्राह्मणी गांव पुनर्वसित है जहां 20-22 परिवार रहते हैं। प्राथमिक स्कूल के लिए उस आयुु वर्ग के बालक नहीं होने से प्रवेश की संभावना नहीं है। उमरेड तहसील के नांदरा गांव के जिप स्कूल में पिछले वर्ष से एक भी विद्यार्थी का प्रवेश नहीं हुआ है। पालकों ने बच्चों को कान्वेंट में भर्ती कराया है।

Tags:    

Similar News