32 साल पुराने रेप केस में वरिष्ठ नागरिक बरी, नहीं मिला कोई सबूत

32 साल पुराने रेप केस में वरिष्ठ नागरिक बरी, नहीं मिला कोई सबूत

Tejinder Singh
Update: 2018-10-01 16:21 GMT
32 साल पुराने रेप केस में वरिष्ठ नागरिक बरी, नहीं मिला कोई सबूत

डिजिटल डेस्क, मुंबई। सेशन कोर्ट ने सबूतों के अभाव में एक वरिष्ठ नागरिक को बलात्कार के 32 साल पुराने मामले से बरी कर दिया है। 60 वर्षीय आरोपी का नाम अवधेश राम जैसवाल है। महानगर के चेंबूर पुलिस ने जैसवाल के खिलाफ 21 जुलाई 1985 को दुष्कर्म का शिकार महिला की शिकायत पर मामला दर्ज किया था। पीड़िता के अनुसार आरोपी उसका पड़ोसी था। रात के समय जब वह घर में अकेली थी तो आरोपी ने चाकू की नोक पर उसके साथ दुष्कर्म किया। शुरुआती जांच के बाद आरोपी को 1 अगस्त 1984 को कोर्ट से जमानत मिल गई थी, लेकिन जमानत मिलने के बाद आरोपी  फरार हो गया था। इस बीच मामले से जुड़े मुकदमे को सुनवाई के लिए सेशन कोर्ट में भेज दिया गया।

सुनवाई के दौरान आरोपी के खिलाफ गैर जमानी वारंट जारी किया गया। गैर जमानती वारंट जारी होने के बाद आरोपी को अदालत में पेश किया गया। कोर्ट में आरोपी ने अपने उपर लगे बलात्कार के आरोप को अस्वीकार कर दिया। इसके आरोपी के खिलाफ आरोप तय किए गए। फिर मुकदमे की सुनवाई शुरु हुई। जस्टिस पीवी गनेडीवाला के सामने जब यह मामला सुनवाई के लिए आया तो अभियोजन पक्ष ने कहा कि उसे इस मामले से जुड़े दस्तावेज नहीं मिल रहे है। अभियोजन पक्ष के आग्रह पर कोर्ट ने उन्हें आरोपपत्र की प्रति पेश की।

दोबारा जब यह मामला सुनवाई के लिए आया तो अभियोजन पक्ष ने कहा कि यह मामला 32 साल पुराना है। मामले से जुड़े जांच अधिकारी,गवाह व पीड़िता पुलिस को नहीं मिल रहे है। जस्टिस ने पाया कि मामले से जुड़े दस्तावेज पूरी तरह से छिन्न-भिन्न व फटे है। इसके साथ ही कहा कि अभियोजन पक्ष आरोपी पर लगे आरोपों को साबित करने में बूरी तरह विफल रहा है। इसलिए आरोपी को इस मामले से बरी किया जाता है।

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