खरीफ सीजन में कपास के 370  बीजों को मंजूरी

खरीफ सीजन में कपास के 370  बीजों को मंजूरी

Anita Peddulwar
Update: 2018-05-24 09:28 GMT
खरीफ सीजन में कपास के 370  बीजों को मंजूरी

डिजिटल डेस्क, वर्धा। राज्य में खरीफ सीजन के लिए कपास बीजों की 42  कंपनी के 370  बीजों की बिक्री की अनुमति दी गई है। इन बीजों की जानकारी कृषि विभाग के संकेतस्थल पर जारी की गई  है। इसके साथ हर एक तहसील स्तर की जानकारी कृषि अधिकारी कार्यालय व पंचायत समिति कार्यालय में उपलब्ध की गई है।

कृषि विभाग द्वारा सरकारी मान्यता प्राप्त बीजों का ही उपयोग करने की सलाह किसानों को दी जा रही है। अन्य बीजों की बिक्री होने पर समीप के पंचायत समिति व तहसील कृषि अधिकारी कार्यालय में इसकी सूचना देने का आह्वान किया गया है। बता दें कि वर्ष 2006 से जनुकीय परावर्तित तकनीक पर आधारित बीज यानी बोंड इल्ली के लिए प्रतिकारक बीटी बीजों का उपयोग हो रहा है। बीटी बीजों के तहत कपास क्षेत्र आज राज्य में कुल कपास क्षेत्र के करीब 98 फीसदी है।

बीटी बीज को केन्द्रीय पर्यावरण विभाग अंतर्गत जीईऐसी  समिति मंजूरी देती है। अनुमति प्राप्त व राज्य की सिफारिश वाले कपास बीजों को राज्य में बिक्री के लिए अनुमति दी जाती है।गत वर्ष ऐसे जीईएसी मान्यता प्राप्त बीजों के साथ मूल उत्पादन कंपनी ने विपणन करार द्वारा को-मार्केटिंग करने वाली  अन्य कंपनी को भी बिक्री की मंजूरी दी गई थी।   को-मार्केटिंग करार द्वारा बिक्री करते समय जीईएसी ने मंजूर किए नाम के अलावा एक ही प्रकार का बीज अन्य अलग ब्रैडनेम डालकर एक अनेक ग्रांड से बेचने की शिकायत मिली है। इसके तहत किसान भ्रमित हो सकते हैं।

खरीफ मौसम में जीईएसी ने मंजूर किए नाम से ही बेचने की नीति सरकार ने तय की है। इसमें मूल उत्पादक कंपनी ने कपास बीजों की पैकिंग करते समय जीईएससी मान्यता प्राप्त लिखना पैकिंग व लेबलिंग करने के निर्देश दिए हैं। बीटी कपास बीजों में गुलाबी बोंडइल्लियों में प्रतिकार क्षमता तैयार होने से गत वर्ष गुलाबी बोंडइल्लियों का प्रकोप बढ़कर कपास उत्पादन में कमी आई। गुलाबी बोंड इल्लियों के नियंत्रण के लिए कृषि विद्यापीठ ने कम व मध्यम अवधि में बीजों के इस्तेमाल की सिफारिश की है।

इन कंपनियों के जरिए होगी बीजों की आपूर्ति
कपास बीजों की आपूर्ति करने वाली कंपनी अंकुर सीड्स, पालमुर सीड, अजित सीड, जे के एग्रो जेनेटिकल, राशि सीडस, यशोदा सीडस, सनग्रो सीडस, नाथ बायोजिनस, धनलक्ष्मी क्रॉप साइन्स, वेट्सन एग्रो सीड्स, न्युजिविडू सिड्स, प्रभात एग्रो बायोटेक, तुलसी सीड्स, प्रवर्धन सीडस, सेंथील सीड्स, क्रीस्टल क्रॉप प्रोटेक्शन, नवकार हाईब्रीड, निओ सीड्स, कोहिनुर सीडस, श्रीराम बायसीड, सीडवर्क इंटरनेशनल, बसंत एग्रोटेक, गंगा कावेरी, श्रीराम फर्टिलाइजर, विभा एग्रोटे, बायर बायोसाइन्स, मेटाहिलिक्स लाइफ साइन्स, सफल सीड्स एंड बायोटेक, श्रीराम एग्रो जेनेटिकस प्रा, कीर्तिमान एग्रो जेनेटिक्स, कलश सीड्स, कावेरी सीड्स, कृषिधन सीड्स, महाराष्ट्र हाईब्रीड सीड्स कंपनी, ग्रीनबाल्ड सीड्स, टीयारा एग्रोटेक, अमर बायोटेक, सत्या एग्री बायोटेक, जुआरी एग्री सायन्सेस, नर्मदा सागर अॅग्री सीड्स, आर जे बॉयोटेक, नामधारी सीड्स का समावेश है।

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