बेटियों ने नहीं माना खाप पंचायत का फरमान, किया पिता का अंतिम संस्कार

बेटियों ने नहीं माना खाप पंचायत का फरमान, किया पिता का अंतिम संस्कार

Bhaskar Hindi
Update: 2018-08-01 04:59 GMT
बेटियों ने नहीं माना खाप पंचायत का फरमान, किया पिता का अंतिम संस्कार
हाईलाइट
  • खाप पंचायत ने बेटियों द्वारा पिता का अंतिम संस्कार करने के खिलाफ सुनाया था फैसला।
  • प्रशासन ने पंचायत के खिलाफ कार्रवाई के दिए आदेश।
  • राजस्थान के बुंदी जिले में बेटियों ने किया पिता का अंतिम संस्कार।

डिजिटल डेस्क, जयपुर। राजस्थान में एक पिता की चार बेटियों ने खाप पंचायत के फरमान को नकारते हुए अपने पिता की अर्थी को कंधा दिया और अंतिम संस्कार किया। राजस्थान के बुंदी जिले में खाप पंचायत ने रेगर समाज के खिलाफ एक फरमान सुनाते हुए हरिपुरा गांव के किसी भी व्यक्ति को इस परिवार से रिश्ता रखने से मना किया था। पंचायत ने रेगर परिवार के सामने शर्त रखी थी कि चारों बेटियों और उनकी मां हाथ जोड़कर गांव वालों के सामने पंचायत से माफी मांगे, उसके बाद ही समाज का कोई व्यक्ति उनके पिता के अंतिम संस्कार में शामिल होगा। 

 

 

 

दरअसल पेशे से टीचर रहे दुर्गाशंकर की अंतिम इच्छा थी उनके मरने के बाद उन्हें चारों बेटियां कंधा दें, क्योंकि दुर्गाशंकर का कोई बेटा नहीं था, लेकिन खाप पंचायत बेटियों द्वारा पिता को कंधा देने और अंतिम संस्कार करने से नाराज थी। पंचायत का कहना था कि बेटियां पिता का अंतिम संस्कार नहीं कर सकतीं।। मुखाग्नि केवल बेटे ही दे सकते हैं, अगर बेटे नही हैं तो सगे संबंधी में पुरुष ही मुखाग्नि देंगे। जिसके बाद बेटियों ने पंचायत के फैसले को दरकिनार करते हुए अपने पिता का अंतिम संस्कार किया।

 



 


बड़ी बेटी मीना ने कहा कि पंचायत ने हमें पिता के अंतिम संस्कार की रस्मों में शामिल न होने के लिए कहा गया जिसे हमने मानने से इनकार कर दिया। पिता के अंतिम संस्कार के बाद पंचायत ने मां से माफी मांगने के लिए कहा। चूंकि हमने कोई गलती नहीं की थी इसलिए हमने मांफी मांगने से भी इनकार कर दिया। दूसरी बेटी कलावती ने बताया कि यह हमारे पिता की आखिरी इच्छा थी कि उनकी चार बेटियां उनकी अर्थी को कंधा दें और अंतिम संस्कार करें क्योंकि हमारा कोई भाई नहीं है। हमने कोई गुनाह नहीं किया है। समाज के प्रमुख चंदूलाल चंदेलिया ने परिवार को समाज से बहिष्कृत करने की बात को सिरे से खारिज कर दिया। बूंदी नगर निगम के पूर्व अध्यक्ष मोजू लाल ने भी पंचों द्वारा परिवार का बहिष्कार करने की बात नकार दिया था।

पंचायत के इस बेतुके फैसले पर प्रशासन ने सख्ती दिखाई और पंचो के खिलाफ पुलिस को कार्रवाई करने के लिए कहा। आदेश सुनाने वाले सभी पंच पटेल मुहल्ला छोड़कर भाग गए हैं। मामले में पुलिस के दखल के बाद मोहल्ले के सभी लोग परिवार का साथ देने की बात कहने लगे। इससे पहले भी ये खाप पंचायत दो जुलाई को उसकी एक 6 साल की मासूम बच्ची को गलती से अंडे टूटने पर परिवार और समाज से बहिष्कृत करने का फरमान सुना चुकी है। बच्ची के घर में प्रवेश करने पर रोक लगा दी थी। इसके साथ ही बच्ची के परिवार से गाय के लिए चारा, मछलियों को आटा, कबूतरों को ज्वार, एक किलो सिके चने, एक किलो नमकीन और अग्रेंजी शराब की बोतल मांगी थी। जिस पर प्रशासन ने पंचायत के खिलाफ कार्रवाई की थी। 

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