नागपुर में डेल्टा प्लस के 4 और संदिग्ध, सैंपल पुणे भेजे गए

नागपुर में डेल्टा प्लस के 4 और संदिग्ध, सैंपल पुणे भेजे गए

Anita Peddulwar
Update: 2021-06-29 04:43 GMT
नागपुर में डेल्टा प्लस के 4 और संदिग्ध, सैंपल पुणे भेजे गए

डिजिटल डेस्क,नागपुर। ग्रामीण क्षेत्र के उमरेड तहसील में डेल्टा प्लस वायरस से संक्रमित संदिग्ध परिवार के सदस्यों की जांच रिपोर्ट अभी नहीं आई है, लेकिन जिला परिषद हर सावधानी बरत रहा है। उमरेड के उस परिवार से 8 सैंपल नीरी में जांच के लिए भेजे गए थे। अाधी प्रक्रिया के बाद सैंपल हैदराबाद की लैब में भेजे गए हैं। इसी बीच, अब शहर में भी डेल्टा या डेल्टा प्लस वैरिएंट के 4 संदिग्ध मिले हैं। सभी के सैंपल पुणे के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वॉयरोलॉजी में भेजे हैं। यह बात खुद पालकमंत्री डॉ. नितीन राऊत ने विभागीय आयुक्त कार्यालय की बैठक में कही। सूत्रों के अनुसार, यह चारों लोग प्रतापनगर क्षेत्र के हैं। मेयो अस्पताल से उनके सैंपल भेजे गए हैं। रिपोर्ट आने में समय लग सकता है, लिहाजा एहतियात बरती जा रही है। 

एहतियात के तौर पर बाजार फिर 4 बजे बंद
जिले में कोरोना की दूसरी लहर के बाद संक्रमितों की संख्या कम हो गई, जिसके बाद अनलॉक की प्रक्रिया शुरू की गई। कुछ दिन पहले रात 8 बजे तक दुकानें खोलने की अनुमति दी गई थी। हाल ही में उमरेड में डेल्टा प्लस वैरिएंट का संदिग्ध परिवार मिला। इसके बाद फिर से बाजार खुलने की अवधि 4 बजे तक कर दी गई। हालांकि अब तक रिपोर्ट आई नहीं है। आज शाम तक रिपोर्ट आने की उम्मीद है।
उमरेड तहसील में मुंबई से लौटी एक युवती सहित पूरा परिवार संक्रमित हो गया। एक साथ इतने लोगों के संक्रमित होने के कारण डेल्टा प्लस वैरिएंट की आशंका जताई जा रही है। इसके बाद 8 लोगों के सैंपल नीरी में जांच के लिए भेजे गए। नीरी में जीनोम सिक्वेंसिंग पूरी कर सैंपल को हैदराबाद सेंटर फॉर सेल्यूलर एंड मॉलिक्यूलर बायोलॉजी लैब में भेजा गया हैं। वहां से मंगलवार तक रिपोर्ट आने की उम्मीद है। अब जिला परिषद के स्वास्थ्य विभाग की टीम परिवार के संपर्क में आने वाले सभी लोगों की कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग कर रही है।

 जानें, डेल्टा प्लस के बारे में 
-चिंताजनक डेल्टा प्लस वैरिएंट (एवाई.1), दुनिया के 80 से ज्यादा देशों में फैल चुके डेल्टा वायरस (बी.1.617.2) में आए म्यूटेशन का नतीजा है, जो सबसे पहले यूरोप में सामने आया था। यह वायरस सुपर-स्प्रेडर है, जिसका मतलब है कि यह आसानी और बहुत तेजी से फैल सकता है। यही वजह है कि भारत सरकार ने भी इसे वैरिएंट ऑफ कंसर्न यानी चिंताजनक वैरिएंट के रूप में वर्गीकृत किया है।
-डेल्टा की तरह ही यह डेल्टा प्लस वैरिएंट भी सुपर स्प्रेडर है, जो बहुत तेजी से फैल सकता है। साथ ही यह फेफड़ों की कोशिकाओं के रिसेप्टर्स से मजबूती से जुड़ने में सक्षम है। यह वायरस मोनोक्लोनल एंटीबॉडी थैरेपी के प्रति भी संभावित रूप से प्रतिरोधी है। इस थैरेपी का उपयोग वायरस को बेअसर करने के लिए किया जाता है।
-डेल्टा प्लस वैरिएंट के सामान्य लक्षणों में सूखी खांसी, बुखार और थकान शामिल हैं। वहीं यदि इसके गंभीर लक्षणों की बात करें तो इसमें सीने में दर्द होना, सांस लेने में तकलीफ और बात करने में तकलीफ होना शामिल हैं। साथ ही इसके कारण त्वचा पर चकत्ते पड़ना, पैर की उंगलियों के रंग में बदलाव आना, गले में खराश, स्वाद और गंध का पता न चलना, दस्त और सिरदर्द शामिल है।

 

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