कृषि ऋण माफी योजना : शहडोल में 5 हजार किसानों के नाम सूची से गायब

कृषि ऋण माफी योजना : शहडोल में 5 हजार किसानों के नाम सूची से गायब

Bhaskar Hindi
Update: 2019-01-23 08:53 GMT
कृषि ऋण माफी योजना : शहडोल में 5 हजार किसानों के नाम सूची से गायब

डिजिटल डेस्क  शहडोल। मुख्यमंत्री कृषि ऋण माफी योजना के तहत पोर्टल पर जारी हुई सूची में जिले के 5 हजार किसानों के नाम नहीं हैं। यानि जिले के विभिन्न बैंकों से कर्जदार किसानों की जो सूची भेजी गई थी और भोपाल से जो सूची जारी हुई है, उसमें 5 हजार का अंतर आ रहा है। ऐसे किसान परेशान हैं कि कहीं वे योजना के लाभ से वंचित न रह जाएं। 25 जनवरी तक किसानों के फार्म भरे जाने हैं। जिले के कुल 31 हजार 471 किसानों का कर्ज माफ होना है।

सूची अपेक्स बैंक के पोर्टल पर उपलब्ध

योजना के तहत 15 जनवरी से किसानों के ऋण माफी फार्म भरे जा रहे हैं। किसानों की सूची अपेक्स बैंक के पोर्टल से उपलब्ध कराई गई है। जिला सरकारी बैंक से पोर्टल पर जिले के कुल 20104 किसानों की सूची अपलोड कराई गई थी। वहां से जो सूची आई है, उसमें करीब चार हजार किसानों के नाम नहीं है। इसी तरह अन्य 15 राष्ट्रीयकृत और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों की ओर से भेजी गई सूची में भी एक हजार से अधिक नामों का अंतर है। बताया जाता है कि इसकी शिकायत भोपाल स्तर पर दर्ज करा दी गई है। वहां से सूची दोबारा मांगी गई है। बैंकों का कहना है कि सूची फिर से भोपाल भेज दी गई है।

भरे जाएंगे पिंक कलर के फार्म
अधिकारियों ने बताया कि सभी बैंकों की ओर से दोबारा सूची भेज दी गई है। अगर 25 जनवरी के पहले सूची अपडेट नहीं होती है तो ऐसे किसानों से गुलाबी (पिंक) रंग के फार्म भरवाए जाएंगे। गुलाबी रंग के फार्म नाम नहीं होने पर आपत्ति दर्ज कराने के लिए है। कर्ज माफी की प्रक्रिया के अनुसार 25 तक किसानों के फार्म भरे जाएंगे। 26 और 27 को ग्राम सभाओं का आयोजन कर इनका वाचन किया जाएगा। इसके बाद जो बचे रह जाएंगे उनके फार्म भरे जाएंगे। साथ ही जिन किसानों के नाम नहीं हैं और उन्होंने कर्ज लिया था, उनसे पिंक फार्म भरवाए जाएंगे। यह प्रक्रिया 5 फरवरी तक चलेगी।

30 किसानों का डाटा भी नहीं हो रहा मैच
बैंकों की ओर से भेजी गई सूची में 30 किसान ऐसे हैं जिनका डाटा मिसमैच हो रहा है। बताया कि जाता है कि फीडिंग के दौरान गलत जानकारी भरने के कारण यह दिक्कत आ रही है। किसी का आईएफएससी कोड गलत भर दिया गया था तो किसी नाम और पते में अंतर आ रहा है।  वहीं कुछ मामले ऐेसे हैं, जिनमें किसान रह कहीं रहा है और पता कहीं और का भरा गया है। जानकारी को फिर से सही किया जा रहा है। डाटा मिसमैच की समस्या सेंट्रल बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा में आई है।

इनका कहना है
सबसे अधिक सहकारी बैंकों के किसानों की सूची में अंतर आया है। पोर्टल से जानकारी अपडेट करने के लिए सूची दोबारा भेज दी गई है। अगर समय से जानकारी अपडेट नहीं हुई तो 26 के बाद किसानों से गुलाबी रंग के फार्म भरवाए जाएंगे।
जेएस पेंद्राम, उपसंचालक कृषि  

 

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