कर्मचारियों के पीएफ की रकम 529 कंपनियों ने की हजम

कर्मचारियों के पीएफ की रकम 529 कंपनियों ने की हजम

Anita Peddulwar
Update: 2018-10-24 10:51 GMT
कर्मचारियों के पीएफ की रकम 529 कंपनियों ने की हजम

डिजिटल डेस्क, नागपुर।  भविष्य निर्वाह निधि कर्मचारियों के वेतन से कटौती कर 529 कंपनियों द्वारा करोड़ाें रुपए हजम करते हुए कर्मचारियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वाले नियोक्ताओं पर भविष्य निर्वाह निधि कार्यालय की ओर से कार्रवाई प्रक्रिया चल रही है। इंटक के महासचिव राजेश निंबालकर ने सूचना का अधिकार अंतर्गत यह जानकारी उजागर होने पर प्रेस कांफ्रेंस में खुलासा किया।  

उल्लेखनीय है कि कर्मचारी भविष्य निर्वाह निधि कानून अंतर्गत कर्मचारियों के वेतन से भविष्य निधि कटौती की जाती है। यह राशि नियोक्ता यानी कंपनी प्रबंधन भविष्य निधि कार्यालय में जमा करता है। शहर की 529 कंपनियों द्वारा कर्मचारियों के वेतन से कटौती कर भविष्य निधि कार्यालय में जमा नहीं किए जाने की जानकारी सामने आई है। कर्मचारियों के भविष्य से खिलवाड़ कर रही कंपनियों के खिलाफ भविष्य निर्वाह निधि कानून 1952 के सेक्शन 7-अ के अंतर्गत प्रादेशिक कार्यालय द्वारा कार्रवाई की प्रक्रिया चल रही है। निंबालकर ने  भविष्य निर्वाह निधि जमा नहीं करने वाले नियोक्ताओं से कर्मचारियों को सतर्क के लिए कहा है। नियोक्ताओं से निधि जमा की पावती मांगने की उन्होंने अपील की है। पत्र परिषद में क्रांति गुमास्ता कामगार मंडल के उदाराम घाटे उपस्थित थे।

बिना दावे के पड़ी है 351 करोड़  की निधि 
निंबालकर ने और एक चौंकाने वाला खुलासा किया है। उन्होंने बताया कि, 7 लाख 56 हजार 259 खातों में जमा 350 करोड़, 94 लाख 88 हजार 453 रुपए पड़े हैं। इस रकम पर किसी ने दावा नहीं किया है। मजे की बात यह है कि, भविष्य निर्वाह निधि कार्यालय को यह तक पता नहीं है कि, संबंधित खातेदार जिंदा है या नहीं। उनके या उनके वारिसों से संपर्क करने या जानकारी जुटाने की विभाग ने जरूरत तक नहीं समझी है।

4 सहायक आयुक्त का काम अकेले के भरोसे
नागपुर विभाग में एक सहायक कामगार आयुक्त है, जबकि चार सहायक कामगार आयुक्त कार्यालय अपेक्षित हैं। 20 कामगार अधिकारी का काम एक अधिकारी के कंधों पर डाला गया है। अधिकारियों की कमी के चलते कर्मचारियों को महीने के काम के लिए बरसाें तक चक्कर कांटने पड़ते हैं।

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