अवैध माइनिंग को लेकर सरकार सख्त, औरंगाबाद से 6 लाख का जुर्माना वसूल

अवैध माइनिंग को लेकर सरकार सख्त, औरंगाबाद से 6 लाख का जुर्माना वसूल

Tejinder Singh
Update: 2018-03-26 15:01 GMT
अवैध माइनिंग को लेकर सरकार सख्त, औरंगाबाद से 6 लाख का जुर्माना वसूल

डिजिटल डेस्क, औरंगाबाद। औरंगाबाद जिले की पैठण तालुका में अवैध बालू खनन और परिवहन पर नजर रखने के लिए बनाए गए विशेष दस्ते ने एक अप्रैल 2017 से 28 फरवरी 2018 के बीच 20 मामलों में दंडात्मक कार्रवाई करते हुए 6,88,040 का जुर्माना वसूल किया है। भाजपा के संतोष दानवे द्वारा पूछे गए सवाल के लिखित जवाब में राजस्व मंत्री चंद्रकांत पाटील ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि दो मामलों में आठ लोगों के खिलाफ आपराधिक मामला भी दर्ज किया गया है।

भंडाराः अवैध खनन के लिए 19 करोड़ 6 लाख दंड
भंडारा जिले के मौजा भंडारा खास में गोसीखुर्द परियोजना के लिए अधिग्रहित जमीन से अवैध उत्खनन और परिवहन के मामले में मे. मेटकैप इंजीनियरिंग कंपनी प्रायवेट लिमिटेड मुंबई और ऊर्जाटेक इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड मुंबई नाम कि कंपनियों को 19 करोड़ 6 लाख 74 हजार 7444 रुपए की रॉयल्टी और दंड भरने के आदेश दिए गए हैं।

भाजपा के रामचंद्र अवसरे द्वारा विधानसभा में पूछे गए सवाल के लिखित जवाब में राजस्वमंत्री चंद्रकांत पाटील ने जानकारी दी कि पुराने आदेश के खिलाफ अपील खारिज की जा चुकी है। इस संबंध में 13 दिसंबर 2017 और 29 जनवरी 2018 को पत्र लिखकर जिलाधिकारी ने विदर्भ पाटबंधारे विकास मंडल के कार्यकारी संचालक को संबंधित रकम जमा सरकार के पास जमा करने के आदेश दिए गए हैं।

बीड के किसानों मिलेगी नुकसान भरपाई
बीड़ जिले के गेवराई तालुका में स्थित उमापुर के 1562 किसानों को जल्द ही साल 2016 की खरीफ फसल के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत नुकसान भरपाई मिलेगी। भारतीय स्टेट बैंक की संबंधित शाखा ने किसानों का राजस्वमंडल उमापुर की जगह बीड़ लिख दिया था। इसके चलते यह देरी हुई। भाजपा के लक्ष्मण पवार द्वारा विधानसभा में पूछे गए सवाल के लिखित जवाब में कृषिमंत्री पांडुरंग फुंडकर ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि संबंधित बैंक को किसानों को नुकसान भरपाई देने के निर्देश दिए गए हैं।

शिवसेना ने उठाया एक साल में स्नातक डिग्री बांटने का मुद्दा
दक्षिण भारत के विश्वविद्यालयों के नाम पर मुंबई में बारहवीं के बाद छह महीने से एक साल के भीतर स्नातक की डिग्री बांटी जा रही है। इसके लिए धड़ल्ले से ऑनलाइन विज्ञापन दिए जा रहे हैं। विधानसभा में शिवसेना के सुनील प्रभू में पाइंट ऑफ इंफर्मेशन के जरिए यह जानकारी दी। प्रभू ने कहा कि उन्हें कुछ दिनों पहले ही इसकी जानकारी हुई। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के नियमों के मुताबिक तीन साल की डिग्री एक साल में पूरा करना गैरकानूनी है। लेकिन संबंधित संस्थाएं फास्ट ट्रैक मोड में डिग्री का वादा कर एक ही साल के भीतर तीनों परीक्षाएं आयोजित कर रहीं हैं। इसके लिए आलीशान ऑफिस बनाया गया है।

इस बाबत संपर्क करने पर बिचौलिए ने 10वीं और 12वीं के बाद स्नातक की डिग्री देने का भरोसा दिया। जिन विद्यार्थियों ने पढ़ाई छोड़ दी हो उसके बीच के समय में फर्जी कागजात तैयार कर डिग्री दी जा रही है। इसके जरिए छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने के अलावा करोड़ों रुपए की धोखाधड़ी हो रही है। प्रभू ने बोगस डिग्रियां बांट रहे लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। 

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