सीएमओ कार्यालय में तोडफ़ोड़ करने वाले 8 आरोपियों को 2 -2 वर्ष का कारावास

सीएमओ कार्यालय में तोडफ़ोड़ करने वाले 8 आरोपियों को 2 -2 वर्ष का कारावास

Bhaskar Hindi
Update: 2018-12-01 07:56 GMT
सीएमओ कार्यालय में तोडफ़ोड़ करने वाले 8 आरोपियों को 2 -2 वर्ष का कारावास

डिजिटल डेस्क, बालाघाट। लांजी नगरपरिषद में घुसकर तत्काली सीएमओ भुवनलाल लिल्हारे के कार्यालय में तोडफ़ोड़  करने वाले 8 आरोपियों को दो - दो वर्ष के कारावास से दंडित किया है । आरोपी घटना दिवस27 अगस्त 2012 को लांजी सीएमओ भुवनलाल लिल्हारे के कार्यालय में घुसकर अपनी विभिन्न मांगों को लेकर हंगामा कर रहे थे और इसी दौरान उन्होंने  सीएमओ पदीय कर्तव्य के निर्वहन में बाधा पहुंचाई तथा अपराधिक बल प्रयोग के साथ ही शासकीय कार्य में बाधा पहुंचाने और शासकीय कार्यालय के कांच, शोकेस आलमारी को तोडऩे मामले में बलवा अपराध को अंजाम दिेया । इस तरह अपराध करने वाले 8 आरोपियों को बालाघाट न्यायालय के माननीय प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश राजाराम भारतीय की अदालत ने दोषी माना।

ये हैं आरोपी
लांजी थाना अंतर्गत सुंदरटोला निवासी 44 वषीय हिम्मतलाल पिता तुलाराम किरमे, चिचटोला निवासी 42 वर्षीय राजकुमार पिता रामाधीन नागेश्वर, पूर्वाटोला निवासी 38 वर्षीय राजु पिता देवराम रामटेक्कर, मंडईटेकरी निवासी 34 वर्षीय कांति पिता बिसनदास नगपुरे, थाना बहेला अंतर्गत मनेरी निवासी 48 वर्षीय पन्नालाल पिता यशवंतराव चौधरी, लांजी थाना अंतर्गत 34 वर्षीय संदीप उर्फ टिंकु पिता शेरसिंह बैस, बापड़ी निवासी 43 वर्षीय खेमराज पिता शिवलाल मछिरके और 36 वर्षीय आसिफ उर्फ जुग्गु पिता इस्माइल खान को 2 वर्ष का कारावास और 6 हजार रूपये के अर्थदंड सें दंडित करने का फैसला दिया है। मामले में शासन की ओर से अपर लोक अभियोजक अभिजीत बापट ने पैरवी की थी।

किया था बलवा
घटना के अनुसार आरोपियों के खिलाफ आरोप था कि 27 अगस्त 2012 को सुबह लगभग 11.30 बजे विधि विरूद्ध जमा होकर बल एवं हिंसा का प्रयोग करते हुए बलवा अपराध को अंजाम दिया है। आरोपियों ने लांजी नगरपरिषद में घुसकर सीएमओ भुवनलाल लिल्हारे जब काम कर रहे थे, इस दौरान आरोपियों ने वहां तोडफ़ोड़ की और वहां रखे ऋण प्रतिवेदन और शासकीय दस्तावेज को फाड़ दिया था। जिसके बाद वह सीएमओ भुवनलाल लिल्हारे को कुर्सी से घसीटकर थाने चलने को बोलने लगे। जिसका सीएमओ द्वारा विरोध करने पर उक्त लोगों ने भुवनलाल लिल्हारे के साथ मारपीट करके उन्हें खींचतान और घसीटकर थाने ले गये। इस दौर पूरे कार्यालय में दहशत की स्थिति निर्मित हो गई ।

 

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