बेरोजगारी कम करने नागपुर जिले में बांटे 832 करोड़, कितनों को मिला रोजगार इसका डाटा नहीं

बेरोजगारी कम करने नागपुर जिले में बांटे 832 करोड़, कितनों को मिला रोजगार इसका डाटा नहीं

Bhaskar Hindi
Update: 2019-02-04 18:38 GMT

डिजिटल डेस्क, नागपुर। बेरोजगारी कम करने के लिए जिले में प्रधानमंत्री मुद्रा लोन योजना के तहत नागपुर जिले में 1 लाख 74 हजार 720 लोगों को 832 करोड़ 60 लाख का कर्ज बांटा, लेकिन जिले में कितनों को रोजगार मिला और वर्तमान में उनकी क्या स्थिती है, इसका डाटा किसी के पास नहीं है।

बेरोजगारों को रोजगार देने के लिए प्रधानमंत्री मुद्रा लोन योजना के तहत शिशू, किशोर व तरुण नाम से कर्ज बांटे गए थे। शिशू के तहत 50 हजार, किशोर के तहत 5 लाख व तरुण के तहत 10 लाख तक का कर्ज दिया जाता है। जिले में बैंकों के मार्फत 1 लाख 74 हजार 720 लोगों को 874 करोड़ 97 लाख का कर्ज मंजूर हुआ, जिसमें से अब तक 832 करोड़ 60 लाख का कर्ज बांटा गया। राष्ट्रीयकृत बैंकों से इन बेरोजगारों को उद्योग, व्यवसाय व रोजगार के लिए कर्ज दिया गया, लेकिन कितनों की बेरोजगारी दूर हुई इसका डाटा किसी के पास नहीं है। सरकार देश से बेरोजगारी दूर करने के लिए कटिबध्द है, लेकिन कितनी बेरोजगारी कम हुई इसका डाटा प्रशासन के पास उपलब्ध नहीं है और इसतरह का डाटा इकट्ठा करने की कोशिश भी नहीं हो रही है। 

शिशु लोन से पकौड़ा व्यवसाय 
होटल, रेस्टोरेंट, पकौडा व्यवसाय के लिए भी शिशु लोन लिए गए। पकौड़ा बेचकर कितने लोग समृध्द हुए इसका डाटा प्रशासन के पास उपलब्ध नहीं है। शासन के पास भी इसतरह के आंकडे पहुंचाने की कोई व्यवस्था फिलहाल नहीं है। जो लोग नियमितरूप से कर्ज का भुगतान (किश्ते) कर रहे है, उसे रोजगार मिला, ऐसा प्रशासन का मानना है।

किस वर्ग में कितना कर्ज बांटा 
वर्ग       लोग        कर्ज
शिशु     162924     431.21 करोड़
किशोर    9158       204.50 करोड़
तरुण     2638      196.89 करोड़
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कुल     174720    832.60 करोड़

रोजगार देने का डाटा उपलब्ध नहीं है 
जिला नियोजन अधिकारी मिलिंद नारिंगे ने बताया कि प्रधानमंत्री मुद्रा लोन योजना के तहत जिले में 1 लाख 74 हजार 720 लोगों को 832 करोड़ 60 लाख का कर्ज दिया गया। यह लोन बेरोजगारों को उद्योग, व्यवसाय खड़ा करने के लिए दिया गया। कितनों ने रोजगार स्थापित किया और कितने लोग नियमित रूप से कर्ज का भुगतान कर रहे हैं, इसका डाटा प्रशासन के पास उपलब्ध नहीं है। जिले में बेरोजगारी कितनी कम हुई, इसका डाटा भी प्रशासन के पास उपलब्ध नहीं है। जिला प्रशासन की तरफ से इस तरह का डाटा इकट्ठा नहीं किया जाता। जिन-जिन बैंकों से कर्ज बांटा गया, उन बैंकों के अधिकारी ही रोजगार के बारे में बता सकेंगे।
 

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