84 लाख परिवारों को मिलेगा ‘आयुष्मान भारत’ का लाभ,  हर ग्राम पंचायत में नियुक्त होगा जलसेवक

84 लाख परिवारों को मिलेगा ‘आयुष्मान भारत’ का लाभ,  हर ग्राम पंचायत में नियुक्त होगा जलसेवक

Tejinder Singh
Update: 2018-09-21 15:07 GMT
84 लाख परिवारों को मिलेगा ‘आयुष्मान भारत’ का लाभ,  हर ग्राम पंचायत में नियुक्त होगा जलसेवक

डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश में अब ग्राम पंचायत स्तर पर एक व्यक्ति को जलसेवक के रूप में मनोनित किया जाएगा। गांव से नगर निकाय स्तर तक जलसाक्षरता के क्षेत्र में काम करने वाले जलसेवक बनाए जाएंगे।  प्रदेश सरकार के जलसंसाधन विभाग ने राज्य में जलसेवक मनोनित करने संबंधी दिशा निर्देश से जुड़ा सुर्कलर (परिपत्रक) जारी किया है। जलसेवक को ग्राम सभा का सदस्य होना अनिवार्य होगा। जलसेवक को मनोनित करने के लिए ग्राम सभा को मंजूरी लेना जरूरी है। सरकार ने कहा है कि पढ़ने- लिखने और त्याग व राष्ट्रभावना से प्रेरित व्यक्ति को जलसेवक के रूप में मनोनित किया जाए। जलसेवकों को जलयुक्त शिवार योजना को लागू करने और सिंचाई प्रबंधन के काम में योगदान देना पड़ेगा। जलयुक्त शिवार योजना के लिए गांवों में पानी का बजट तैयार करने में कृषि सहायक, जलसंरक्षण सहायक और संबंधित प्राधिकारी को मदद करना होगा।

ग्राम सभा और अन्य सभाओं में जलसाक्षरता के बारे में जानकारी देने और प्रसार प्रचार करने का प्रयास करना होगा। स्कूलों और महाविद्यालयों में जलसाक्षरता के उपक्रमों में सहयोग करेंगे। जलसाक्षरता कार्य में जलप्रेमी, जलकर्मी, जलदूत से समन्वय करने और प्रशिक्षण के काम में सहयोग करना उनके कार्यक्षेत्र में शामिल होगा। जलसेवकों के कामों की जानकारी ग्राम पंचायतों को रखनी होगी। पहले चरण में साल 2015-16 में जलयुक्त शिवार योजना में समाविष्ट 5570 ग्राम पंचायतों में जलसेवकों को मनोनित किया जाएगा। इसके अलावा पानी इस्तेमाल के लिए काम करने वाले संस्थाओं के 2005 ग्राम पंचायतों में जलसेवक बनाए जाएंगे। इसके बाद दूसरे चरण में बाकी के गांवों का समावेश किया जाएगा। सरकार ने कहा है कि बेहतर काम करने वाले जलसेवकों को सम्मानित किया जाएगा। समाधानकारक काम न करने वाले जलसेवकों का मनोनयन रद्द करने का अधिकार ग्रामसभा को होगा। 

परिवारों को मिलेगा ‘आयुष्मान भारत’ का लाभ

केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी आयुष्मान भारत योजना का लाभ महाराष्ट्र के 83.72 लाख परिवारों को मिलेगा। योजना के जरिए हर साल 5 लाख रुपए तक का मुफ्त में इलाज हो सकेगा। प्रदेश में राज्यपाल सी विद्यासागर राव और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की मौजूदगी में 23 सितंबर को राज्य अतिथिगृह सह्याद्री में योजना का शुभारंभ किया जाएगा। इस मौके पर योजना के लाभार्थियों को ई-कार्ड वितरित किया जाएगा। शुक्रवार को प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री दीपक सावंत ने यह जानकारी दी। सावंत ने बताया कि आयुष्मान भारत योजना लागू होने के बाद भी प्रदेश सरकार की महात्मा ज्योतिबा फुले जनस्वास्थ्य योजना शुरू रहेगी। सावंत ने बताया कि आयुष्मान भारत योजना और महात्मा ज्योतिबा फुले योजना एक साथ चलाई जाएगी। स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार साल 2011 के सामाजिक आर्थिक और जातिगत जनगणना के आंकड़ों के अनुसार 83.72 लाख परिवारों का चयन आयुष्मान भारत योजना के लिए किया गया है। लाभार्थी का इलाज सरकारी अस्पतालों और मेडिकल कालेज-अस्पताल में हो सकेगा। योजना के दूसरे चरण में निजी अस्पतालों को शामिल किया जाएगा। 

महात्मा फुले योजना के तहत 19 लाख से अधिक ऑपरेशन 

प्रदेश में फिलहाल पीला और नारंगी राशनकार्ड धारकों के लिए महात्मा फुले जन स्वास्थ्य योजना शुरू है। लाभार्थी को प्रति वर्ष डेढ़ लाख रुपए तक के इलाज की सुविधा दी जाती है। योजना के जरिए अभी तक 19 लाख से अधिक ऑपरेशन किए गए हैं। योजना का लाभ 2 करोड़ 23 लाख परिवारों को मिल रहा है। योजना के माध्यम से 971 प्रकार के उपचार और 121 ऑपरेशन के बाद चिकित्सा सेवा दी जाती है। इस योजना के तहत राज्य के 484 शासकीय व निजी अस्पतालों के माध्यम से मरीजों का इलाज किया जाता है। 

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