पीड़िता की सहमति से रद्द हुआ दुष्कर्म का मामला
पीड़िता की सहमति से रद्द हुआ दुष्कर्म का मामला
डिजिटल डेस्क,मुंबई । पीड़िता की सहमति को देखते हुए दुष्कर्म तथा अप्राकृतिक यौन संबंध के अपराध का खुलासा न होने पर बॉबे हाईकोर्ट ने एक आरोपी मोहित जोशी के खिलाफ दर्ज किए गए बलात्कार के मामले को रद्द कर दिया है। हाईकोर्ट ने मामले से जुड़े दस्तावेज व एफआईआर पर गौर करने के बाद पाया कि पीड़िता व आरोपी सहपाठी थे।
दोनों साल 2013 में एक दूसरे के साथ संपर्क में आए थे। साल 2017 में दुष्कर्म की शिकायत से पहले वयस्क आरोपी व पीड़िता के बीच कई बार आपसी सहमति से संबंध बने थे। कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हावाला देते हुए स्पष्ट किया कि कोई अपराध गंभीर है व समाज के खिलाफ है, केवल इस आधार पर उसे रद्द करने से इंकार नहीं किया जा सकता है। यदि एफआईआर और जांच के दस्तावेज से गंभीर अपराध का खुलासा नहीं होता तो आपसी सहमति व समझौते के आधार पर कोर्ट में आपराधिक मामले को रद्द किया जा सकता है। न्यायमूर्ति आरवी मोरे व न्यायमूर्ति भारती डागरे की खंडपीठ के सामने आरोपी के वकील ने दावा किया कि मेरे मुवक्किल ने पीड़िता के साथ मिलकर मामले को सुलझा लिया है। पीड़िता ने हलफनामे में कहा है कि यदि मेरी शिकायत को लेकर दर्ज आपराधिक मामले व न्यायालय में जारी कार्यवाही को निरस्त किया जाता है तो मुझे कोई अपत्ति नहीं है।