कोल्हापुर से आंदोलन में शामिल होने आए किसान की हादसे में मौत

कोल्हापुर से आंदोलन में शामिल होने आए किसान की हादसे में मौत

Tejinder Singh
Update: 2018-12-02 10:02 GMT
कोल्हापुर से आंदोलन में शामिल होने आए किसान की हादसे में मौत

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। किसान मुक्ति आंदोलन में हिस्सा लेने आए एक किसान की शनिवार को तडके यहां के पहाडगंज स्थित डा आंबेडकर भवन की दूसरी मंजिल से गिरकर मौत हो गई। मृतक की पहचान किरन गोरवाडे (50) के रुप में हुई है, जो कोल्हापुर जिले के सैनिक टाकली गांव का रहने वाला था। हादसे की जानकारी मिलते ही मौके पर पहुंची दिल्ली पुलिस ने किसान को नजदीकी अस्पताल में भ र्ती कराया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पुलिस अधिकारी के मुताबिक शुक्रवार देर शाम रैली खत्म होने के बाद महाराष्ट्र के कई किसान डॉ आंबेडकर भवन में विश्राम के लिए आए थे। पुलिस के मुताबिक यह दर्दनाक हादसा शनिवार की रात दो बजे के करीब हुआ है। उनसे यह पूछे जाने पर कि क्या यह मामला आत्महत्या का है? के जवाब में उन्होने इसे एक हादसा बताया।

आंबेडकर भवन के कोषाध्यक्ष एवं भवन की पूरी जिम्मेदारी संभालने वाले महेन्द्र भास्कर से इस हादसे के बारे में पूछे जाने पर उन्होने पहले तो इस हादसे को लेकर किसी प्रकार की जानकारी देने से इंकार कर दिया। अधिक पूछे जाने पर उन्होने कहा कि रात को तीन बजे पुलिस मौके पर पहुंची थी और शव को लेके गई। भवन में ठहरने की व्यवस्था किसके द्वारा की गई थी? क्या पहले से इसकी बुकिंग कराई गई थी। इसके जवाब में उन्होने कहा कि सांसद राजू शेट्‌टी एक कार्यकर्ता गुलाटी के कहने पर किसानों की यहां रहने की व्यवस्था की गई थी। किसी किसान संगठन के नाम से अधिकृत रुप से बुकिंग नही थी। सभी किसानों को विश्राम के लिए कमरे उपलब्ध कराए गए थे। भवन में चौबीस घंटे एक गार्ड तैनात रहता है, लेकिन आज वह भवन से नदारद दिखा। वजह पूछने पर भास्कर ने बताया कि उसने शनिवार को छुट्‌टी ले रखी है।

वहीं यहां ठहरे किसानों ने बताया कि कमरे में पर्याप्त जगह नही होने के कारण कुछ किसान बरामदे में सोये थे, उनमें मृतक किरन भी था। हालांकि साथी किसानों ने इस मामले पर कुछ भी बोलने से बच रहे थे, लेकिन अधिकतर किसानों का कहना था कि बरामदे में लगी रेलिंग बहुत छोटी थी। भवन में ठहरने की व्यवस्था भी ठीक नही थी। इस मामले में सांसद राजू शेट्‌टी से बात करने पर उन्होने भी घटना को एक हादसा ही बताया। कहा कि इससे पहले भी आंदोलन के दौरान दो किसानों की मौत हुई थी। क्षेत्र में जाने के बाद मृतक के परिवार को आर्थिक मदद की व्यवस्था करेंगे।
 

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