अस्पताल में अंधविश्वास, मरी हुई लड़की को मंत्रों से जिंदा करने का प्रयास

अस्पताल में अंधविश्वास, मरी हुई लड़की को मंत्रों से जिंदा करने का प्रयास

Bhaskar Hindi
Update: 2018-03-23 14:31 GMT
अस्पताल में अंधविश्वास, मरी हुई लड़की को मंत्रों से जिंदा करने का प्रयास

भास्कर न्यूज। नरसिंहपुर । हम और हमारा समाज वैज्ञानिक और आधुनिक युग की कितनी ही वकालत कर लें लेकिन अंध विश्वास की चादर इतनी मजबूत है कि लोग इससे बाहर नही आ पा रहे। ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों में तो जादू टोने-टोटकों और झाड़ फूंक के प्रति आज भी गहरी आस्था और विश्वास है। इसके उदाहरण लगातार सामने आते है। एक ताजा बानगी शुक्रवार को जिला मुख्यालय में देखने मिली जहां सर्पदंश की शिकार एक बालिका को जीवित करने की सनक में उसकी मृतदेह के कानों में मंत्र फूंकने का प्रयास किया गया और यह खेल घंटों जिला अस्पताल जैसे स्वास्थ्य सेवा के बड़े केन्द्र में चला।
घटना के संबंध में मिली जानकारी के अनुसार स्टेशनगंज पुलिस थाना नरसिंहपुर के अन्तर्गत आने वाले ग्राम झिरीकला निवासी राजेन्द्र चड़ार की पुत्री साक्षी उम्र 15 वर्ष को गुरूवार को घर में ही सांप ने काट दिया था। बालिका को उपचार के लिए जिला अस्पताल नरसिंहपुर लाया गया। इलाज के दौरान बालिका की मौत हो गई। डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित करके शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया
नही करने दिया पोस्टमार्टम
बालिका के शव को पोस्टमार्टम के मरचुरी भेजा गया लेकिन उसके साथ आए परिजन खासकर महिलाओं को इस बात पर विश्वास ही नही हो रहा था कि इतनी जल्दी बालिका की मौत हो गई। मामला बालिका का होने से पोस्टमार्टम पूर्व होने वाले पंचनामे में महिला सदस्य की उपस्थिति अनिवार्य होती है इसलिए महिला को बुलाया गया। परिवार की महिलाओं ने पंचनामे में विलंब किया इसलिए पोस्टमार्टम अगले दिन तक के लिए टल गया।
शुक्रवार को शुरू हुआ झाड़-फूंक का सिलसिला
अंधविश्वास में डूबे परिजनों को झांड-फूंक से बालिका के ठीक होने का इतना भरोसा था कि उन्होंने किसी ओझा से सम्पर्क किया और इसके बाद जिला अस्पताल की मरचुरी के बाहर ही झांड-फूंक का सिलसिला शुरू हुआ।
मोबाइल से फूंके गए मंत्र
आश्चर्य का विषय यह है कि जो ओझा झाड़-फूंक कर रहा था वह स्थल पर मौजूद नही था, वह कही और था तथा बालिका के परिजनों को मोबाइल से विभिन्न कार्य करने के निर्देश दे रहा था। कही नीम की पत्तियां खिलाने को कह रहा था तो कही पानी पिलाने और नब्ज टटोल की सलाह दे रहा था। उसने काफी देर तक बालिका के मृत शरीर के कानों में मोबाइल के जरिये मंत्र भी फूंके।
लगा रहा जमघट, खूब फैली अफवाहें
जिला अस्पताल की मरचुरी के सामने चल रही इस नौटंकी को देखने लगातार भीड़ जमा होती गई इस बीच अफवाहों का बाजार भी गर्म रहा। नब्ज चलने लगी बालिका जीवित हो गई जैसे स्वर भीड़ में कई बार सुनाई दिए। बालिका की मौत के लगभग 17 घंटे बाद शुरू इस घटना की नगर में जबरदस्त चर्चा रही
डॉक्टरों की समझाईश से बमुश्किल माने परिजन
मामला संवेदनशील होने से पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर पहले कुछ नही बोले  घंटों यह क्रम चला, उन्होंने परिजनों के कहने पर कई बार बालिका की नब्ज भी देखकर बता दी। तमाम तंत्र-मंत्र की नौटंकी के बाद भी जब बालिका जीवित नही हो सकी तब चिकित्सकों ने परिजनों को समझाकर शव के पोस्टमार्टम के लिए तैयार किया।

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