बिहार में दिनदहाड़े आरटीआई कार्यकर्ता की गोली मारकर हत्या

बिहार में दिनदहाड़े आरटीआई कार्यकर्ता की गोली मारकर हत्या

Bhaskar Hindi
Update: 2018-06-20 14:52 GMT
बिहार में दिनदहाड़े आरटीआई कार्यकर्ता की गोली मारकर हत्या

डिजिटल डेस्क, मोतिहारी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भले ही बिहार में कितना सुशासन का दावा कर लें, अपराधी उन दावों की पोल खोल ही देते हैं। प्रदेश में जंगलराज की तस्वीर ही दिखती है। ताजा घटनाक्रम मोतिहारी जिले में हुआ है, जहां दिनदहाड़े एक आरटीआई कार्यकर्ता की अपराधियों ने गोली मार कर हत्या कर दी। इस घटना से इलाके में तनाव का माहौल है। आरटीआई कार्यकर्ता राजेंद्र सिंह मोतिहारी जिला न्यायालय में किसी केस की पैरवी कर बाइक से अपने गांव राजापुर लौट रहे थे। इसी बीच अपराधियों ने उन्हें रास्ते में घेर लिया और गोली मार कर फरार हो गए। 

 

घटनास्थल से लोडेड मैग्जीन बरामद

घटना की सूचना पर पहुंची पुलिस ने आनन-फानन में राजेंद्र सिंह को सदर अस्पताल पहुंचाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने घटनास्थल से पिस्टल की एक लोडेड मैग्जीन बरामद की है। पुलिस ने राजेंद्र सिंह के पॉकेट से दो मोबाइल फोन भी बरामद किए, फिलहाल कई बिंदुओं पर घटना की तहकीकात की जा रही है। पुलिस मोबाइल के सहारे भी अपराधियों के बारे में पता लगाने की कोशिश कर रही है।

 

 

आरटीआई से किए कई खुलासे 

जांच अधिकारी के अनुसार, आरटीआई कार्यकर्ता होने के नाते राजेंद्र सिंह ने सूचना के अधिकार के तहत कई घोटालों का पर्दाफाश किया था। उनकी हत्या के पीछे यही कारण हो सकता है। इलाके में उनके दुश्मनों की लंबी लिस्ट है। वहीं राजेंद्र सिंह का उनके सगे भाई से भी जमीन को लेकर कई सालों से विवाद चल रहा है। पुलिस इस हत्याकांड की हर एंगल से जांच कर रही है। हालांकि परिजनों ने इस मामले में अभी तक थाने में प्राथमिकी दर्ज नहीं कराई है। पुलिस का कहना है कि जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। 

 

बता दें कि 6 महीने के अंदर आरटीआई अधिकारी की हत्या का यह तीसरा मामला है। मृतक राजेंद्र नागरिक अधिकार मंच से जुड़े हुए थे। उन्होंने पुलिस प्रशासन और मनरेगा से जुड़े भ्रष्टाचार के कई मामलों का खुलासा किया था। नागरिक अधिकार मंच से जुड़े शिवप्रकाश ने बताया कि राजेंद्र की हत्या आरटीआई कार्यकर्ता होने के कारण की गई है। शिवप्रकाश ने कहा कि 12 जून को जब उनकी मुलाकात राजेंद्र से हुई थी तब उन्होंने अपनी हत्या की अशंका जताई थी। इससे पहले भी उन पर 3 बार जानलेवा हमले हो चुके थे। इससे पहले वैशाली के आरटीआई कार्यकर्ता की भी हत्या की जा चुकी है। बिहार में 13 वर्षों में 13 आरटीआई कार्यकर्ताओं की हत्या की जा चुकी है।

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