बाघिन ने दिया 4 शावकों को जन्म, दो का रंग सफेद तो दो का पीला

बाघिन ने दिया 4 शावकों को जन्म, दो का रंग सफेद तो दो का पीला

Bhaskar Hindi
Update: 2019-04-27 18:13 GMT
बाघिन ने दिया 4 शावकों को जन्म, दो का रंग सफेद तो दो का पीला

डिजिटल डेस्क, औरंगाबाद। सिद्धार्थ उद्यान प्राणी संग्रहालय में 2 साल के अंतराल के बाद 4 शावकों की किलकारियां गूंजी हैं। समृद्धि नामक बाघिन ने शुक्रवार की रात 8 से 12 बजे के बीच 4 शावकों को जन्म दिया। कि इनमें दो सफेद और दो पीले रंग के हैं सभी बिल्कुल स्वस्थ्य हैं। प्राणी संग्रहालय में इन चारों शावकों के साथ शेरों की संख्या बढ़कर 12 हो गई है, जिनमें 3 सफेद शेर हैं।

जू के संचालक विजय पाटील तथा पर्यवेक्षक नीति सिंह ने शनिवार को पत्रकारों को शावकों के बारे में जानकारी दी। बताया कि प्राणी संग्रहालय के पीले शेर सिद्धार्थ व शेरनी समृद्धि की जोड़ी से इन शावकों का जन्म हुआ है। जू संचालक ने बताया कि शावकों के जन्म के बाद शेरनी समृद्धि व उसके शावकों के स्वास्थ्य की जांच कर ली गई है। समृद्धि को ज्यादा से ज्यादा दूध उतरे, इसके लिए आहार बढ़ाया जा रहा है।

नो इंट्री का आदेश
शावकों व समृद्धि के पिंजरे में केयर टेकर के अलावा किसी का भी प्रवेश वर्जित कर दिया गया है। विशेषज्ञों का कहना है कि शावकों व उसकी मां को किसी प्रकार की परेशानी ना हो इसके लिए यह ऐहतियात बरता जा रहा है। बता दें कि लगभग 5 साल पहले सिद्धार्थ उद्यान प्राणी संग्रहालय में तेंदुए के 3 शावकों के जन्म के बाद मौत हो गई थी, इसे लेकर पूरे राज्य में हंगामा मच गया था। पाटील ने कहा कि शावकों व शेरनी की देखरेख में कोई कमी न रहे, इसका पूरा खयाल रखा जा रहा है।

सफेद व पीले शावक का रहस्य
पीले शेर और शेरनी के जोड़े से सफेद शावकों का जन्म कैसे हो सकता है? पत्रकारों के इस सवाल का जवाब देते हुए विशेषज्ञ पर्यवेक्षक नीति सिंह ने बताया कि समृद्धि और सिद्धार्थ के जिन में क्रॉस फर्टिलिटी डेवलप होने से यह संभव हुआ है। इसके पहले भी सफेद शेरनी ने तीन शावकों को जन्म दिया था, जिनमें दो पीले तथा एक सफेद शावक शावक शामिल थे।

वर्ष 2005 से जन्म की शुरुआत
सिद्धार्थ उद्यान में वर्ष 2005 में गुड्‌डू व दीप्ति तथा कमलेश व छूटू की जोड़ी चंडीगढ़ से यहां लाई गई थी। समृद्धि से जन्म लेने वाले चारों शावक चौथी पीढ़ी के हैं। अब तक सिद्धार्थ उद्यान प्राणी संग्रहालय में 17 से 20 शावकों का जन्म हो चुका है, लेकिन जू प्रबंधन इनको संभालने में काफी नाकाम रहा है। दो वर्ष पहले सफेद शेर की संख्या लगभग आठ हो गई थी। बाद में छह को देश के दूसरे सफारी पार्क में भेज दिया गया। मात्र 2 सफेद शेर बच गए थे, जिनमें 18 वर्षीय सफेद शेर सचिन की मौत कुछ माह पहले हुई थी। एक मात्र सफेद शेर बच गया था, लेकिन दो शावकों के जन्म होने से सफेद शेरों की संख्या तीन हो गई है, जबकि पीले शेरों की संख्या 9 हो गई है।

महापौर ने शेरों को दूसरे जगह भेजने पर लगाई रोक
चार शावकों के जन्म पर महापौर नंदकुमार घोड़ेले सिद्धार्थ उद्यान प्राणी संग्रहालय पहुंचे। शावकों की खुशी में यहां लड्‌डू भी बांटे गए। महापौर ने अधिकारियों से कहा कि शहर के मिटमिटा में सफारी पार्क का निर्माण होने वाला है। सिद्धार्थ उद्यान के प्राणी वहां शिफ्ट किए जाएंगे। अत: अब यहां से किसी भी जानवर को दूसरे सफारी पार्क के लिए नहीं भेजा जाएगा, हालांकि अधिकारियों ने बताया कि मुंबई चिड़ियाघर से शेरों की मांग हो रही है, लेकिन महापौर ने इन्हें दूसरी जगह भेजने से साफ मना कर दिया है। बता दें कि लगभग 34 एकड़ जमीन में फैले सिद्धार्थ उद्यान प्राणी संग्रहालय में 24 प्रजातियों के 300 से अधिक प्राणी हैं।

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