बंदर के हमले से महिला की मौत, बच्चों और महिलाओं को बना रहे निशाना

बंदर के हमले से महिला की मौत, बच्चों और महिलाओं को बना रहे निशाना

Bhaskar Hindi
Update: 2018-10-12 08:13 GMT
बंदर के हमले से महिला की मौत, बच्चों और महिलाओं को बना रहे निशाना

डिजिटल डेस्क, मझौली सीधी। मझौली नगर में बंदरों के हमले से आज एक महिला की मौत हो गई है। यहां बंदरों के आतंक से आये दिन घटनाएं होती रहती हैं किंतु इसके बाद भी वन विभाग सार्थक पहल नही कर पा रहा है। मिली जानकारी के अनुसार 10 अक्टूबर को नगर परिषद मझौली के वार्ड क्रमांक 7 निवासी रामायण प्रसाद गुप्ता की धर्मपत्नी श्रीमती यशोदा गुप्ता उम्र 50 वर्ष अपने घर के पीछे साफ सफाई में व्यस्त थी और कूड़े करकट को आग के हवाले कर रही थी। इसी दौरान जंगली बंदर आया और महिला के ऊपर हमला कर दिया जिससे महिला आग में गिर गई। साड़ी पहने होने के कारण वह आग में बुरी तरह जल गई। परिजनों को जानकारी होने पर तुरंत मझौली हॉस्पिटल ले गए जहां से सीधी जिला चिकित्सालय रेफर कर दिया गया हालत बिगड़ती देख महिला को जिला चिकित्सालय से रीवा भेज दिया गया जहां उपचार के दौरान 11 अक्टूबर को यशोदा का निधन हो गया।

आये दिन हो रही घटना
मझौली नगर में बंदरों का आतंक लंबे समय से बना हुआ है। बंदरों का आतंक इतना ज्यादा बढ़ गया है कि बूढ़े बच्चे जवान कोई अपने घर में सुरक्षित नहीं है। ये बंदर लोगों के घरों में सीधे घुस जाते हैं तथा उन्हें जो कोई भगाने की कोशिश करता है उस पर सीधे हमला कर देते हैं। अभी हाल ही में वार्ड क्रमांक 7 निवासी मासूम रूद्र सिंह पिता अमित सिंह उम्र 5 वर्ष अपने घर के आंगन में खेल रहा था उसी दौरान लाल बंदर ने आकर उसकी पीठ ने काट लिया। वही राम जपन गुप्ता का छोटा बालक बंदर के हमले में घायल हो गया था वार्ड क्रमांक 8 निवासी आलोक सोनी के घर में बंदर घुस गया उसे भगाने का प्रयास किया तो उसके हाथ में बंदर द्वारा काट लिया गया। इसी तरह वार्ड क्रमांक 10 निवासी शंकर दयाल नामदेव सेवानिवृत्त शिक्षक बंदर के हमले में छत से गिर गए जिस पर उनके हाथ की हड्डी टूट गई थी। इतना ही नहीं शिक्षक राम भरोसे गुप्ता बंदरों को अपने घर से भगाने की गुस्ताखी कर बैठे बंदरों के झुंड ने उन्हें दौड़ा लिया।  इसी तरह सैकड़ों लोग बंदर के शिकार हो चुके हैं लेकिन वन विभाग एवं नगर परिषद द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की जा रही।

जिम्मेवारी लेने को कोई तैयार नहीं
इस संबंध में जब वन परिक्षेत्र मझौली के रेंज ऑफिसर  पीएल बंशकार से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि लोगों पर बंदरों के हमले संबंधी आवेदन आए हैं।  कार्यवाही जारी है मगर बंदरों को पकडऩ़े का बजट नगर परिषद  को मिलता है वह क्या कार्रवाई कर रहे हैं मुझे नहीं मालूम। इस संबंध में सीएमओ नगर परिषद से संपर्क किया गया तो फोन उठाने के बजाय काट दिए। बात कुछ भी हो मगर दो विभागों के बीच में नगरवासी अपनी जान गवां रहे हैं जिसकी जिम्मेदारी कोई लेने वाला नहीं है।

 

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