मंगलसूत्र गिरवी रखकर बनवाया शौचालय, खुले में शौच जान से कर दिया मना, सम्मानित होगी महिला
मंगलसूत्र गिरवी रखकर बनवाया शौचालय, खुले में शौच जान से कर दिया मना, सम्मानित होगी महिला
डिजिटल डेस्क, उमरिया। जिद यदि अच्छे कार्य और सकारात्मक नीयत के लिए हो, तो वह समाज के लिए प्रेरणा बन जाती है। कुछ इसी जज्बे और जुनून के साथ महिला सुषमा मेहरा ने आदम्य साहस का परिचय दिया। सुषमा ने अपना मंगलसूत्र गिरवी रखकर घर में शौचालय निर्माण का काम शुरु किया। गर्भधारण के दौरान न सिर्फ पति के साथ कंधे से कंधा मिलाकर कार्य किया, बल्कि रिकार्ड 15 दिन में बेस, दीवार व छत पूरा कर अगले ही दिन से उपयोग भी शुरु कर दिया। महिला के साहस को सलाम करते हुए जिला प्रशासन ने उसे ओडीएफ के दौरान सम्मानित करने का निर्णय लिया है।
नगर पालिका पाली वार्ड क्रमांक दो निवासी सुषमा मेहरा (29) की रहने वाली है। कचोरा मोहल्ला निवासी पति विजय संजय गांधी पावर हाउस में बतौर दैनिक वेतनभोगी श्रमिक कार्यरत है। नगर पालिका की शौचालय पात्रता सूची सितंबर 2017 में उनका भी नाम शामिल था। किश्त के लिए कई बार दफ्तर के चक्कर लगाए, लेकिन अधिकारी शासकीय कार्य में देरी का हलावा देकर बैरंग लौटा देते थे। ससुराल में सुषमा अपने पति व बच्चों के साथ ऊपरी तल में रहती थीं। ऐसे में गर्भावस्था के चलते सीढिय़ां चढऩे पर नवजात व महिला दोनों को जान का जोखिम था। इसीलिए पत्नी की पहल पर दंपति ने रुपए के अभाव में मंगलसूत्र गिरवी रखकर काम शुरु करवाया। खुद ही गड्ढे करते हुए पूरी खुदाई की। मटेरियल की उपलब्धता के लिए पति ने साइकिल में जंगल से रेत ढोकर इक_ा की। दिन रात तावड़तोड़ मेहनत का नतीजा था कि 15 दिन में बेस, दीवाल और फिर छत का कार्य पूर्ण कर लिया गया।
नगर के लिए प्रेरणा बनी सुषमा
तत्कालीन सीएमओ रहीं हेमेश्वरी पटले बताती हैं सुषमा के घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी। मुझे जानकारी लगने पर मैंने उसकी गर्भावस्था को देखते हुए निर्माण कार्य पूर्ण होते ही किश्त की राशि दिलाना सुनिश्चित किया था। उसकी जागरुकता, साहसिक मेहनत व लगन का सकारात्मक नतीजा यह हुआ कि प्रेरित होकर खुद ही शौचालय का कार्य शुरु कर दिया। पाली में 690 लक्ष्य में से 300 घरों में इसी दौरान काम चलने लगा।
इनका कहना है
ससुराल में मैं अपने पति व बच्चों के साथ छत में रहती थी। शौचालय न होने से प्रसव काल में बार-बार दूर खुले में निस्तार के लिए जाना पड़ता था। इसी बात से क्षुब्द होकर मैंने सूची में नाम आने के बाद शौचालय का काम शुरु करवाया। फिर से खुले में न जाना पड़े इसलिए किश्त मिलने में देरी पर मंगलसूत्र तक गिरवी रखा। दिन रात मेहनत कर 15 दिन में काम पूर्ण हुआ। फिर बाद में सीएमओ मैडम ने मुझे किश्त दिलवाई थी।
सुषमा मेहरा, गृहणी बिरसिंहपुर पाली
महिला ने जागरुकता का परिचय देते हुए निश्चित ही अभियान से पे्ररित होकर अदम्य साहस का परिचय दिया है। उसके जज्बे व कठोर पारिश्रम को देखते हुए ओडीएफ कार्यक्रम में हम उसका सम्मान करेंगे।
माल सिंह, कलेक्टर उमरिया