दुराचार का आरोपी हुआ बरी, घटनास्थल पर अंधेरा होने कारण अपराध साबित न हो सका

दुराचार का आरोपी हुआ बरी, घटनास्थल पर अंधेरा होने कारण अपराध साबित न हो सका

Anita Peddulwar
Update: 2021-03-18 08:32 GMT
दुराचार का आरोपी हुआ बरी, घटनास्थल पर अंधेरा होने कारण अपराध साबित न हो सका

डिजिटल डेस्क,नागपुर। विनयभंग के एक मामले में हाईकोर्ट ने एक युवक को इस संभावना के साथ बरी कर दिया कि घटनास्थल पर अंधेरा होने के कारण पीड़िता ने शायद आरोपी को पहचानने में गलती कर दी हो, हालांकि इस मामले में हाईकोर्ट ने यह भी माना कि पीड़िता और चश्मदीदों के बयानों में कई विरोधाभास हैं, साथ ही आरोपी युवक और पीड़िता के बीच पूर्व में भी अनेक विवाद हुए हैं। आरोपी का नाम मनोहर भोयर (30) है। मामला वर्धा जिले के आर्वी तहसील के कुरझाड़ी गांव का है। घटना 19 अगस्त 2007 की है।

नहीं मिला ठोस सबूत
पीड़िता के अनुसार रात करीब 8 बजे जब वह अपने घर के बाहर खड़ी थी, तब आरोपी वहां आया अौर उसका हाथ पकड़ लिया। पीड़िता के शोर मचाने पर उसके परिजन दौड़े, तो आरोपी फरार हो गया। इस मामले मंे वर्धा सत्र न्यायालय ने आरोपी को भादवि 345 के तहत दोषी करार देकर 3 माह की जेल और 1 हजार जुर्माने की सजा सुनाई थी, जिसे युवक ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। कोर्ट में जब गवाहों के बयान हुए तो एक ओर पीड़िता के देवर ने बयान दिया कि घटना के वक्त वह घर में टीवी देख रहा था, जबकि पीड़िता के बेटे ने कोर्ट में बयान दिया कि उनका घर गांव से दूर होने के कारण घर और आस-पास बिजली ही नहीं थी। बेटे ने यह भी स्वीकार किया कि उसकी मां और आरोपी के बीच पुराना विवाद था। हाईकोर्ट ने माना कि गवाहों के बयान एक-दूसरे के विरोधाभासी हैं, वहीं घटनास्थल पर अंधेरा होने के कारण पीड़िता ने आरोपी का चेहरा ही नहीं देखा हो। इसलिए ठोस सबूतों के अभाव में कोर्ट ने युवक की सजा रद्द कर उसे बरी कर दिया।
 

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