दुष्कर्म की घटना के वक्त नाबालिग था आरोपी, हाईकोर्ट ने रद्द की सजा

दुष्कर्म की घटना के वक्त नाबालिग था आरोपी, हाईकोर्ट ने रद्द की सजा

Tejinder Singh
Update: 2018-07-30 15:33 GMT
दुष्कर्म की घटना के वक्त नाबालिग था आरोपी, हाईकोर्ट ने रद्द की सजा

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने मानसिक रुप से कमजोर लड़की के साथ दुष्कर्म के मामले में दोषी पाए गए आरोपी की सजा को रद्द कर दिया है। हाईकोर्ट ने कहा कि घटना के वक्त आरोपी नाबालिग था, इसलिए उसकी सजा को निरस्त किया जाता है। हाईकोर्ट ने अब आरोपी के मामले को बाल न्याय बोर्ड के पास भेजने का निर्देश दिया है। पास्को कोर्ट ने आरोपी को 20 साल के कारावास की सजा सुनाई थी। जिसके खिलाफ आरोपी ने अगस्त 2016 में हाईकोर्ट में अपील की थी।

इस पर जस्टिस एएम बदर के सामने सुनवाई हुई। आरोपी ने अपील में दावा किया था कि 15 मार्च 2013 को जब दुष्कर्म की घटना हुई थी उस वक्त उसकी उम्र सिर्फ 16 साल थी, इसलिए बाल न्याय कानून के तहत उसका मामला बाल न्याय बोर्ड के पास भेजा जाए। अपील में आरोपी के दावे पर गौर करने के बाद हाईकोर्ट ने पास्को कोर्ट को आरोपी के उम्र के दावे की जांच करने का निर्देश दिया था। जिसके तहत रिपोर्ट अदालत में पेश की गई। रिपोर्ट में साफ किया गया था कि घटना के समय आरोपी की उम्र 16 साल थी।

इसके बाद जस्टिस ने आरोपी को सजा सुनाने के सत्र न्यायालय के फैसले को रद्द कर दिया। अभियोजन पक्ष के मुताबिक आरोपी ने अपने दो साथियों के साथ मिलकर चेंबुर इलाके में रह रही मानसिक रुप से कमजोर लड़की के साथ दुष्कर्म किया था। लड़की के गर्भवती होने के बाद उसकी मां ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। 

 

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