पुल की लागत हुई दोगुनी, लेटलतीफ इंजीनियर्स पर होगी कार्रवाई

पुल की लागत हुई दोगुनी, लेटलतीफ इंजीनियर्स पर होगी कार्रवाई

Anita Peddulwar
Update: 2018-06-01 09:09 GMT
पुल की लागत हुई दोगुनी, लेटलतीफ इंजीनियर्स पर होगी कार्रवाई

डिजिटल डेस्क, नागपुर।  सरकारी विभाग की ढुलमुल कार्यप्रणाली आए दिन सामने आती रहती है। शहर के मोक्षधाम के पास बन रहे पुलिया को लेकर प्रशासन पर आर्थिक बोझ बढ़ रहा है। दरअसल 5 करोड़ रुपए की लागत से  बनने वाली मोक्षधाम पुलिया 10 करोड़ रुपए खर्च करने के बाद भी तय समय में नहीं बन पाई। इसे बनाने वाले लापरवाह अधिकारियों पर कार्रवाई होनी चाहिए, तभी वह सुधरेंगे। यह आरोप मनपा की प्रकल्प समिति के अध्यक्ष व नगरसेवक प्रवीण दटके ने लगाते हुए मोक्षधाम पुलिया बनाने वाले कार्यकारी अभियंता सतीश नेरल, उप अभियंता मनोज सिंह (निलंबित चल रहे हैं) और कनिष्ठ अभियंता राजेन्द्र जीवतोड़े पर कड़ी कार्रवाई की मांग की। इस अवसर पर कार्यकारी महापौर दीपराज पार्डीकर, स्थायी समिति सभापति विक्की कुकरेजा, जलप्रदाय सभापति पिंटू झलके, दिव्या धुरडे, निशांत गांधी उपस्थित थे।

उन्होंने बताया कि हमें पहले बताया गया था कि पुल का काम 31 मार्च को पूरा हो जाएगा। इसके बाद 1 जून का समय दिया गया और अब 15 जून का समय अधिकारियों द्वारा मांगा जा रहा था, जिसे स्पष्ट रूप से इनकार कर दिया गया। अधिकारियों की लापरवाही के कारण ही पुलिया निर्माण की कीमत दोगुनी हुई और उसमें कई खामियां सामने आईं। पुल की कंसल्टेंट कंपनी पार्थ द्वारा दी गई पुलिया की डिजाइन में खामियां देखने को मिलीं। इस पुलिया के साथ शहर में कई पुल बनने शुरू हुए थे, जो अब तक पूरे हो चुके हैं।

उल्लेखनीय है कि 16 फरवरी 2016 को 5.74 करोड़ रुपए का वर्कऑर्डर निकला था, जिसे बाद में 8 माह का समय और दिया गया साथ ही उसकी 4.48 करोड़ रुपए कीमत बढ़ गई। गुरुवार को मोक्षधाम पुलिया के निरीक्षण के दौरान कार्यकारी महापौर पार्डीकर, मनपा आयुक्त वीरेन्द्र सिंह एन.ई.एस.एल. के संचालक डॉ. रिजवान सिद्दिकी, मुख्य अभियंता मनोज तालेवार, तकनीकी सलाहकार विजय बनगीनवार, कार्यकारी अभियंता सतीश नेरल उपस्थित थे।

स्थायी समिति ने दी दोगुने रकम की अनुमति
यहां आपको बता दें कि एक ओर मनपा का सत्तापक्ष मोक्षधाम पुलिया बनाने को लेकर आरोप लगा रहा है, तो वहीं दूसरी ओर स्थायी समिति ने ही पुलिया की दोगुनी कीमत को मंजूरी दी थी। इसके अतिरिक्त इस दौरान किसी भी अधिकारी पर कार्रवाई करने का कोई निर्णय नहीं लिया गया।

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