बच्चों में फैल रहा फेफड़ों का संक्रमण- ओपीडी में रोजाना आ रहे हैं सैकड़ों मरीज

बच्चों में फैल रहा फेफड़ों का संक्रमण- ओपीडी में रोजाना आ रहे हैं सैकड़ों मरीज

Bhaskar Hindi
Update: 2018-09-29 08:04 GMT
बच्चों में फैल रहा फेफड़ों का संक्रमण- ओपीडी में रोजाना आ रहे हैं सैकड़ों मरीज

डिजिटल डेस्क, छिंदवाड़ा। मौसम में परिवर्तन के साथ हवाओं में सक्रिय वायरस बच्चों को बीमार कर रहे है। इन दिनों जिला अस्पताल आने वाले बीमार बच्चों में ब्रांकियोलाइटिस (फेफड़ों में संक्रमण) के मरीजों की संख्या अधिक है। हवाओं में घुले रेस्पीरेटरी सिंटिकल वायरस की चपेट में आने से दो माह से पांच साल तक के बच्चे फेफड़ों के संक्रमण से पीडि़त हो रहे है। जिसका समय पर इलाज न होने से बच्चे निमोनिया का शिकार हो रहे है। विशेषज्ञ चिकित्सकों की माने तो जिला अस्पताल की ओपीडी में रोजाना 100 से अधिक बच्चे फेफड़ों में सूजन की समस्याएं लेकर आ रहे है। इनमें से 10 से 15 बच्चों की हालत बिगडऩे पर वार्ड में भर्ती कराया जा रहा है।

संक्रमण होने पर दिखाई देने वाले लक्षण
रेस्पीरेटरी सिंटिकल वायरस से संक्रमित होने पर बच्चों को सर्दी-जुकाम, नाक बंद होना, तेज बुखार, सांस लेने में तकलीफ, दूध पीने में तकलीफ, चिड़चिड़ापन, पसलियों के बीच छोटे गड्ढ़े बनना जैसी समस्याएं आती है। यह वायरस खांसने, छींकने से फैलते है।

इन बच्चों को अधिक खतरा-
जिन बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है, जन्मजात ह्दय रोग से पीडि़त बच्चे और कम वजन वाले बच्चों को मौसम में बदलाव के साथ सक्रिय वायरस आसानी से अपनी चपेट में ले लेते है।

बीमारी के दौरान बरतें सावधानी
शिशु रोग विशेष डॉ. हितेश रामटेके ने बताया कि ब्रांकियोलाइटिस से पीडि़त बच्चों को पोष्टिक आहार देना जरुरी है। इसके अलावा सामान्य बच्चों को मरीज से दूर रखें, साफ-सफाई का विशेष ध्यान दें और साबुन से दिन में कई बार हाथ धोएं। इन सावधानियों के पूर्व मरीज का डॉक्टरी इलाज जरुरी है।गौरतलब है कि इस समय संक्रामक बीमारियों का दौर चलरहा है । मौसमी बुखार ने हर घर में अपने पैर पसार लिए है । इन रोगों से बचने का एक ही उपाय चिकित्सक बता रहे है कि अपने घर के आसपास साफ सफाई रखें साफ उबला पानी पिएं और ताजा भोजन करें । खान पान में जरा सी गड़बड़ी हाने पर भी बीमारी अपने चपेट मेें ले लगी।

Similar News