ट्रैफिक नियम तोड़ने वालों की अब खैर नहीं, बार-बार नियमों का उल्लंघन करने वालों से अतिरिक्त जुर्माना वसूली
ट्रैफिक नियम तोड़ने वालों की अब खैर नहीं, बार-बार नियमों का उल्लंघन करने वालों से अतिरिक्त जुर्माना वसूली
डिजिटल डेस्क, नागपुर। बार-बार ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वालों की अब खैर नहीं है। यातायात सुरक्षा से जुड़ी एक सूओ-मोटो जनहित याचिका पर बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने यातायात पुलिस को आदेश दिए हैं कि वे बार-बार ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वालों से निर्धारित चालान से भी अतिरिक्त जुर्माना वसूल करें। इन अतिरिक्त पैसों का उपयोग शहर में सीसीटीवी कैमरे लगाने, उनके मेंटेनेंस और यातायात पुलिस के वेतन में करें। हाईकोर्ट ने यह आदेश तब जारी किए, जब न्यायालयीन मित्र एड. श्रीरंग भंडारकर ने हाईकोर्ट में मुद्दा उठाया कि नागपुर में ड्रंक एंड ड्राइव की कार्रवाई की मौजूदा प्रणाली आश्चर्यजनक है। पहली बार गलती करने पर पकड़े जाने पर 3000 रुपए का जुर्माना, दूसरी बार में 2500 और तीसरी बार में 2000 रुपए तक वसूला जाता है, जबकि यह रकम हर गलती पर बढ़नी चाहिए। यही हाल रेड सिग्नल जंप करने या यातायात के अन्य नियमों का उल्लंघन करने पर लगने वाले चालान का है, जिसके बाद हाईकोर्ट ने यह आदेश जारी किए।
मवेशियों से सबसे अधिक परेशानी, टैगिंग करना जारी
सड़कों के बीच बैठने वाले मवेशियों से राहगीरों और वाहन चालकों को परेशानी होती है। इससे न केवल यातायात बाधित होता है, बल्कि दुर्घटनाएं भी होती हैं। इस समस्या का हाईकोर्ट ने संज्ञान लिया है। बीती सुनवाई में कोर्ट ने मामले में क्षेत्रीय डेयरी डेवलपमेंट ऑफिसर को मवेशियों की टैगिंग के आदेश दिए थे। सुनवाई में उन्होंने कोर्ट को जानकारी दी कि अब तक उनके विभाग ने कुल 768 मवेशियों की टैगिंग की है, जिससे उनके मालिकों पर जिम्मेदारी तय करने में आसानी होगी। इसी मामले में हाईकोर्ट ने शहर के तमाम मनपा जोनल अधिकारियों और नगरसेवकों को आदेश दिए हैं कि वे मवेशियों की समस्या के समाधान में मदद करें और खुद भी एक एक्शन प्लान प्रस्तुत करें। कोर्ट ने मामले में क्षेत्रीय डेयरी डेवलपमेंट ऑफिसर को प्रतिवादी बना कर अगली सुनवाई में आदेश पर हुए अमल पर शपथपत्र प्रस्तुत करने को कहा है।
यह है मामला
शहर में कुछ वर्ष पूर्व कोचिंग क्लास जाते समय एक 15 वर्षीय बालक का अपघात हो गया था, जिसमें एक महिला की मृत्यु हो गई थी। बालक के खिलाफ मुकदमा दायर होने पर उसके पालकों ने हाईकोर्ट की शरण ली थी। किशोर वर्ग द्वारा चलाए जा रहे ज्यादा सीसी के वाहनों से शहर मंे दिनोदिन ऐसी दुर्घटनाएं बढ़ रही हैं। इसका संज्ञान लेते हुए कोर्ट ने स्वयं जनहित याचिका दायर की थी। बीती सुनवाई में मनपा ने हाईकोर्ट को बताया कि उनके निर्देश पर शहर के निजी कोचिंग क्लास संचालकों ने अपने 7321 विद्यार्थियों के अभिभावकों से शपथपत्र लिया है कि किशोर वर्ग को दिए जा रहे वाहनों से होने वाली दुर्घटनाओं के जिम्मेदार पालक होंगे।