सरकार की नई शर्तों ने बढ़ाई दिव्यांगों की परेशानी, बढ़ा हुआ अनुदान पाने नए सर्टिफिकेट की शर्त

सरकार की नई शर्तों ने बढ़ाई दिव्यांगों की परेशानी, बढ़ा हुआ अनुदान पाने नए सर्टिफिकेट की शर्त

Anita Peddulwar
Update: 2018-12-03 05:53 GMT
सरकार की नई शर्तों ने बढ़ाई दिव्यांगों की परेशानी, बढ़ा हुआ अनुदान पाने नए सर्टिफिकेट की शर्त

डिजिटल डेस्क, नागपुर। सरकार की नई शर्तों ने दिव्यांगों को परेशानी में डाल दिया है। सरकार ने दिव्यांगों का अनुदान 6 सौ से बढ़ाकर 9 सौ रुपए प्रति महीना तो कर दिया, लेकिन इसके लिए प्रशासन ने नया सर्टिफिकेट लाने की  शर्त रख दी है। सरकार दिव्यांगों को 6 सौ रुपए हर महीने अनुदान देती थी। सरकार ने इसमें 3 सौ रुपए का इजाफा कर दिया है। इस पर अमल भी शुरू हो गया है। नागपुर शहर व ग्रामीण में 2 लाख से ज्यादा लाभार्थी हैं आैर इसमें दिव्यांगों की संख्या हजारों में है। बढ़े हुए अनुदान का लाभ लेने जिला प्रशासन के पास पहुंच रहे लोगों को नया सर्टिफिकेट लाने को कहा जा रहा है। दरअसल, सिविल सर्जन दो प्रकार के सर्टिफिकेट जारी करते हैं। सुधर सकने वाली बीमारी (विकलांगता) के लिए अस्थायी सर्टिफिकेट जारी किया जाता है। इसकी समयसीमा अधिकतम 5 साल होती है, पर जो विकलांगता सुधर नहीं सकती उसके लिए स्थायी रूप से सर्टिफिकेट दिया जाता है। प्रशासन सभी दिव्यांगों को नया सर्टिफिकेट लाने को कह रहा है।

अब आनलाइन बनता है सर्टिफिकेट 
वर्तमान में सभी सरकारी अस्पतालों में आनलाइन प्रक्रिया से दिव्यांग सर्टिफिकेट बनते है। विशेषकर बुजुर्ग दिव्यांगों को आनलाइन प्रक्रिया पूरी करना टेढ़ी खीर साबित हो रहा है। जिन्हें सर्टिफिकेट रिन्यूअल करना है, उनके लिए प्रशासन का निर्देश ठीक है, लेकिन स्थायी विकलांगता वाले लोगों को नए सिरे से सर्टिफिकेट मांगने पर सवाल उठ रहे हैं। 

जिलाधीश से मिलकर लगाएंगे गुहार 
भाजपा पार्षद व संजय गांधी निराधार योजना (मध्य विभाग) के पूर्व अध्यक्ष एड. संजयकुमार बालपांडे ने कहा कि जिनके पास स्थायी सर्टिफिकेट है, उनसे नया सर्टिफिकेट मांगने का कोई औचित्य नहीं।  चाहिए। इसी तरह जिनके रिन्यूअल को अभी समय है, उनसे भी यह मांग जायज नहीं।  जिलाधीश से इस मामले की शिकायत की जाएगी। इससे सरकार के प्रति लोगों में गलत संदेश जाता है, जबकि सरकार प्रक्रिया को आसान बनाने में लगी है। 

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