रिजर्व कोटे से MBBS में गए 119 स्टूडेंट का एडमिशन रुका, हाईकोर्ट ने मांगा जवाब

रिजर्व कोटे से MBBS में गए 119 स्टूडेंट का एडमिशन रुका, हाईकोर्ट ने मांगा जवाब

Bhaskar Hindi
Update: 2017-08-17 17:42 GMT
रिजर्व कोटे से MBBS में गए 119 स्टूडेंट का एडमिशन रुका, हाईकोर्ट ने मांगा जवाब

डिजिटल डेस्क, नागपुर। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर बेंच ने उन 119 MBBS एडमिशन को संदेहास्पद मानकर रोक दिया है, जिनके बारे में एक याचिका में दावा किया गया है कि ये बिना जाति प्रमाणपत्र के किए गए। कोर्ट ने इस मामले में चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव समेत विविध सरकारी विभागों को नोटिस जारी करके 5 सितंबर तक जवाब मांगा है।

दरअसल MBBS सीट की दावेदार पूजा उईके ने PIL में दावा किया था कि डायरेक्ट्रेट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (डीएमईआर) ने 119 स्टूडेंट्स को अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित श्रेणी से एडमिशन दिए। मगर इसके लिए न तो स्टूडेंट्स से जाति वैधता प्रमाणपत्र लिया गया और न ही शपथ-पत्र लिखाया गया। 

यह है मामला

नागपुर के हुडकेश्वर रोड निवासी पूजा ने अपनी याचिका में कोर्ट को बताया कि नीट-2017 परीक्षा देने के बाद उसका अनुसूचित जाति की श्रेणी में चयन हुआ। मगर एडमिशन के दौरान कई फर्जी उम्मीदवारों ने इस श्रेणी से प्रवेश लिया, जिसके कारण उसे एडमिशन नहीं मिल सका। याचिकाकर्ता ने ऐसे 119 स्टूडेंट्स की सूची कोर्ट में प्रस्तुत की। याचिकाकर्ता ने कोर्ट में Supreme Court के एक आदेश का हवाला देते हुए कहा कि ऐसे स्टूडेंट्स को कोर्ट से कोई भी राहत नहीं मिलनी चाहिए। छात्रा ने कोर्ट से प्रार्थना की है कि डीएमईआर को विशेष सेल गठित करने के आदेश दिए जाएं, जो आरक्षित श्रेणी से MBBS में एडमिशन लेने वाले स्टूडेंट्स की जाति वैधता की पड़ताल कर सके। साथ ही फर्जी तरीके से एडमिशन लेने वाले स्टूडेंट्स पर सख्त कार्रवाई की जाए। 

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