बांबे हाईकोर्ट में वरिष्ठ अधिवक्ता हरि अणे बोले- मराठाओं के लिए स्थायी बैसाखी बन जाएगा आरक्षण

बांबे हाईकोर्ट में वरिष्ठ अधिवक्ता हरि अणे बोले- मराठाओं के लिए स्थायी बैसाखी बन जाएगा आरक्षण

Bhaskar Hindi
Update: 2019-02-08 18:32 GMT
बांबे हाईकोर्ट में वरिष्ठ अधिवक्ता हरि अणे बोले- मराठाओं के लिए स्थायी बैसाखी बन जाएगा आरक्षण

डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्य सरकार ने मराठा समुदाय को आरक्षण प्रदान करके उन्हें एक स्थायी बैसाखी प्रदान कर दी है, जिसका सहारा वे कभी नहीं छोड़ेगे। शुक्रवार को मराठा आरक्षण के विरोध में बांबे हाईकोर्ट में यह दलीले दी गई। अधिवक्ता हरि अणे ने कहा कि किसी को विशेष महत्व देने के लिए आरक्षण का गलत इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है। सरकार ने मराठा समुदाय को 16 प्रतिशत आरक्षण देने का निर्णय लेकर संविधान में दी गई समानता की अवधाराणा को पूरी तरह से नष्ट कर दिया है। संविधान के अनुच्छेद 14 में समानता के अधिकार का उल्लेख किया गया है लेकिन सरकार ने आरक्षण का निर्णय लेकर इस अनुच्छेद पर हमला बोला है। सरकार राष्ट्र व समाज को छोटे-छोटे टुकड़ो में नहीं बांट सकती है। आरक्षण का फैसला लेकर एक संकीर्ण दायरा बनाया गया है जिससे समान योग्यता रखनेवाले लोगों के लिए शिक्षा व नौकरी में प्रवेश के दरवाजे बंद हो जाएंगे।

हरि अणे ने कहा कि राज्य पिछड़ा आयोग की रिपोर्ट में मराठा व कुनबी समुदाय को एक जाति बताया गया है। कुनबी को ओबीसी में शामिल किया गया है। इस लिहाजा से एसईबीसी वर्ग बनाने की बजाय मराठा समुदाय का भी ओबीसी में सामवेश किया जाना चाहिए। इस पर बेंच ने कहा कि सरकार ने फिलहाल इस वर्ग में एसईबीसी को शामिल किया था। भविष्य में सरकार को कोई अन्य समुदाय भी पिछड़ा लग सकता और इसे एसईबीसी वर्ग में शामिल कर लिया जाएगा। इस पर श्री अणे ने कहा कि सरकार आरक्षण को लेकर 50 प्रतिशत से जुड़े आरक्षण के नियम को नहीं बदल सकती है। इस बीच मेडिकल की प्रवेश प्रक्रिया में मराठा आरक्षण से जुड़े निर्णय को लागू करने की जानकारी भी बेंच को दी गई। इस पर बेंच ने कहा कि हम इस विषय पर सरकार के पक्ष को सुनने के बाद फैसला देगे। 

एमपीएसी में मराठा समाज को 10 प्रतिशत आरक्षण

आगामी 17 फरवरी को होनेवाली राज्य लोक सेवा आयोग की परीक्षा में मराठा समुदाय को 10 प्रतिशत आरक्षण दिया जाएगा। 17 फरवरी को आयोग की ओर से 348 पदों के लिए परीक्षा ली जाएगी। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबित जल्द ही इस संबंध में शासनादेश जारी किया जाएगा।

Similar News