पेड़ों पर चढ़कर घंटों बैठने के बाद हो पाती है अपनों से बात 

पेड़ों पर चढ़कर घंटों बैठने के बाद हो पाती है अपनों से बात 

Anita Peddulwar
Update: 2020-12-03 08:55 GMT
पेड़ों पर चढ़कर घंटों बैठने के बाद हो पाती है अपनों से बात 

डिजिटल डेस्क, सिरोंचा(गड़चिरोली) । सरकार डिजिटल इंडिया के नाम पर देश में सभी सेवा-सुविधाएं उपलब्ध करवाने का ढिंढोरा पीट रही है। वहीं दूसरी ओर राज्य के आखिरी छोर पर बसे गड़चिरोली जिले मेें जमीनी हकिकत कुछ और ही बयां करती हैं। गड़चिरोली जिले के और तेलंगाना राज्य के सीमा पर बसे सिरोंचा तहसील में बीएसएनएल की नेटवर्क समस्या इतनी गंभीर हो चुकी है कि  तहसील के दर्जनों गांवों के लोग नेटवर्क पाने के लिए पेड़ों पर चढ़कर घंटों इंतजार करते हैं, तब जाकर मोबाइल पर अपनों से बात हो पाती है।

ऊंची जगह पर चढऩा जरूरी : तहसीन के दर्जनों गांवों में अब तक दूरभाष की सेवा नहीं पहुंची  है। इस कारण क्षेत्र के नागरिकों को तेलंगाना राज्य के नेटवर्क पर निर्भर रहना पड़ रहा है। वहीं  तेलंगाना राज्य का नेटवर्क पाने के लिए  ऊंची जगह पर चढऩा पड़ता है। इसके कारण तहसील के दर्जनों गांवों के नागरिक नेटवर्क में आने के लिए अब पेड़ों का सहारा लेते दिखाई दे रहे हैं। 

घंटों का इंतजार बना सिरदर्द : अपने रिश्तेदार अथवा अन्य लोगों के साथ   बातचीत करनी है तो, पेड़ पर चढ़कर घंटों तक नेटवर्क आने की प्रतीक्षा करनी होती है। 

बता दें कि, जिले के अधिकतर तहसील में बीएसएनएल के मोबाइल टॉवर लगाए हैं। इसके अलावा कुछ तहसीलों में निजी कंपनी के मोबाइल टॉवर है। लेकिन  जिले के आखिरी छोर पर बसे सिरोंचा तहसील के लक्ष्मीपुर, नंदीगांव, मानिक्यपुर, इंदिरानगर, मुक्कीड़ीगुट्टा, सोमनपल्ली, सोमनुर, मुत्तापुर, गुमालकोंडा समेत दर्जनों गांवों में अब तक बीएसएनएल की सेवा नहीं पहुंची है। यह परिसर तेलंगाना राज्य से सटा होने के कारण इस क्षेत्र में तेलंगाना राज्य के मोबाइेल टॉवर का कवरेज आता है। आज के दौर में लगभग सभी के पास मोबाइल  है।  लेकिन नेटवर्क ही नहीं होने के कारण लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। लक्ष्मीपुर गांव में यह स्थिति  है कि,  जमीन पर    कवरेज नहीं होने के कारण ग्रामीणों को ऊंची जगह पर चढ़कर ही और कवरेज आने की प्रतीक्षा करनी पड़ती है। 

बुजुर्ग भी चढ़ जाते हैं वृक्षों पर 
यह क्षेत्र आदिवासी बहुल और अविकसित क्षेत्र होने के कारण  इस क्षेत्र में बड़ी बिल्डिंग नहीं है। इस कारण गांव के छात्र, युवा समेत बुजुर्ग भी पेड़ों पर चढ़कर नेटवर्क में आने का प्रयास करते हैं। घंटों तक पेड़ों पर बैठे रहने के बाद ही बात हो पाती है। ऐसी गंभीर स्थिति को ध्यान रख संबंधित विभाग तत्काल मोबाइल टॉवर निर्माण कर राहत देने की मांग क्षेत्र के नागरिकों ने की है। 

तहसीलदार ने दी एनओसी, जल्द मिलेगी राहत
तहसील के नेटवर्क की समस्या को लेकर हमने बीएसएनएल के अधिकारियों से चर्चा की। वहीं उन्हें इस तहसील में मायक्रो बिडेन सिस्टम लगाने की सूचना दी है। इस संदर्भ में सिरोंचा के तहसीलदार ने भी एनओसी दी है। फलस्वरूप तहसील के नागरिकों को जल्द ही राहत मिलेगी।  - अशोक नेते, सांसद गड़चिरोली-चिमूर, लोस क्षेत्र 
 

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