अब 65 साल तक कार्य कर सकेंगी आंगनबाड़ी सेविकाएं, मंत्रिमंडल के फैसले 

अब 65 साल तक कार्य कर सकेंगी आंगनबाड़ी सेविकाएं, मंत्रिमंडल के फैसले 

Tejinder Singh
Update: 2018-11-13 16:35 GMT
अब 65 साल तक कार्य कर सकेंगी आंगनबाड़ी सेविकाएं, मंत्रिमंडल के फैसले 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्य की शारीरिक रूप से सक्षम आंगनबाड़ी सेविका, मिनी आंगनबाड़ी सेविका और सहायिकाओं (मदतनीस) की सेवा समाप्ति की आयु सीमा 60 से बढ़ाकर 65 साल कर दिया गया है। मंगलवार को राज्य मंत्रिमंडल ने इस फैसले को मंजूरी दी। राज्य में लगभग 2 लाख 7 हजार कर्मचारी आंगनबाड़ी केंद्रों में कार्यकरत हैं। 1 दिसंबर 2018 को 60 साल की आयु पूरा करने वाली आंगनबाड़ी सेविका, मिनी आंगनबाड़ी सेविका और सहायिकाओं की जांच करने के बाद पात्रता के संबंध में सक्षम चिकित्सा अधिकारी के प्रमाणपत्र देने के बाद उन्हें सेवा में बरकरार रखा जाएगा।

सरकार की तरफ से निश्चित की गई कार्य पद्धति के अनुसार 60 साल और 63 साल की सेवा पूरी करने के बाद दो बार चिकित्सा प्रमाण पत्र जमा करना अनिवार्य किया गया है। आदिवासी और ग्रामीण परियोजना के लिए जिला सर्जन और शहरी इलाकों के लिए शासकीय अस्पताल के अधीक्षक अथवा चिकित्सा मंडल का चिकित्सा प्रमाण पत्र देना होगा। जबकि नई नियुक्त के लिए सेवानिवृत्त की सीमा आंगनबाड़ी सेविका, मिनी आंगनबाड़ी सेविका और सहायिकाओं के लिए 60 साल ही रहेगी।

मदत व पुनर्वसन विभाग के नाम में आपदा प्रबंधन शब्द जोड़ने का फैसला
प्रदेश सरकार के मदद व पुनर्वसन विभाग के नाम में आपदा प्रबंधन शब्द जोड़ने को राज्य मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है। इससे यह विभाग अब ‘आपदा प्रबंधन, मदद व पुनर्वसन विभाग’ के नाम से जाना जाएगा। राज्य आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के अनुसार आपदा प्रबंधन विभाग कार्यरत है। सरकार ने आपदा प्रबंधन के लिए प्राधिकरण बनाया है। प्राधिकरण के अध्यक्ष मुख्यमंत्री हैं। आपदा प्रबंधन से जुड़ा विषय मदत व पुनर्वसन विभाग के माध्यम से किया जाता है। इसलिए विभाग के नाम में आपदा प्रबंधन शब्द जोड़ा गया है।

Similar News