अकोला: लॉकडाउन में फंसे 1212 मजदूर विशेष ट्रेन से लखनऊ की ओर रवाना

अकोला: लॉकडाउन में फंसे 1212 मजदूर विशेष ट्रेन से लखनऊ की ओर रवाना

Anita Peddulwar
Update: 2020-05-04 16:03 GMT
अकोला: लॉकडाउन में फंसे 1212 मजदूर विशेष ट्रेन से लखनऊ की ओर रवाना

डिजिटल डेस्क, अकोला । कोरोना वायरस ने पूरे विश्व की अर्थव्यवस्था को चौपट कर दिया है। इसका सबसे अधिक खामियाजा निम्न आय वाले वर्ग को भुगतना पड़ रहा है। अपना घर, गांव छोड़कर दो जून की रोटी की तलाश में दूसरे राज्यों में गए मजदूर लॉकडाउन के चलते फंस गए हैं। उनके हाथ में काम न होने के कारण पेट की आग बुझाना भी मुश्किल होता जा रहा है। दूसरे जिले में फंसे मजदूरों को उनके गांव पहुंचाने के लिए केंद्र सरकार ने विशेष ट्रेनें आरंभ की है। अमरावती संभाग के अंतर्गत आने वाले अकोला, वाशिम, यवतमाल, अमरावती के तकरीबन 1212 पंजीकृत मजदूरों को उनके गांव पहुंचने के लिए रेलवे विभाग ने अकोला से लखनऊ के लिए 24 कोच की विशेष ट्रेन क्रमांक 01903 चलाई। अकोला रेलवे स्टेशन से शाम 5 बजे के दौरान जिलाधीश जितेंद्र पापलकर ने ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। एक साथ 1212 मजदूरों को नियंत्रित करने के लिए जिला पुलिस अधीक्षक अमोघ गांवकर, शहर उपविभागीय अधिकारी सचिन कदम, उपविभागीय राजस्व अधिकारी डा निलेश अपार जीआरपी, आरपीएफ तथा रेलवे स्टेशन प्रबंधक ने विशेष प्रयास किया।

 पुलिस का रहा कड़ा बंदोबस्त
अकोला से शाम 5 बजे के दौरान ट्रेन रवाना होने के पूर्व जिले से आए मजदूरों को नियमानुसार ट्रेन की बोगियों तक पहुंचाने के लिए जिला पुलिस अधीक्षक अमोघ गांवकर के मार्गदर्शन में शहर उपविभागीय अधिकारी सचिन कदम ने एक विशेष व्यूह रचना तैयार की थी। सुबह 12 बजे के दौरान अग्रसेन चौक से रेलवे स्टेशन की ओर जाने वाले मार्ग को बंद कर दिया गया था। रेलवे स्टेशन के बाहर 6 फिक्स पाईंट तैयार कर पुलिस अधिकारी समेत कर्मचारियों को तैनात किया गया था। रामदास पेठ पुलिस निरीक्षक  मुकूंद ठाकरे, डी सी खंडेराव, शहर यातायात पुलिस निरीक्षक गजानन शेलके, मुकूंद कदम प्रत्येक गतिविधियों पर नजरें लगाए हुए थे।

यहां लगाए गए थे फिक्स पाईंट
आरएस होटल के पास एक पुलिस निरीक्षक के साथ 12 पुलिस कर्मचारी, हिंदू धर्मशाला के पास एक पुलिस उपनिरीक्षक 10 पुलिस कर्मचारी, अग्रसेन चौक, एक पीएसआई , सात पुलिस कर्मचारी, रेलवे स्टेशन परिसर एक पीएसआई 12 पुलिस कर्मचारी, मालधक्का के पास एक पुलिस निरीक्षक 12 पुलिस कर्मचारी, रेलवे ओवर ब्रिज एक पुलिस उपनिरीक्षक 12 पुलिस कर्मचारी, आनंद रेस्टारेंट के पास एक पुलिस उपनिरीक्षक 5 पुलिस कर्मचारी, सिटी प्राईड के पास एक पीएसआई तथा 5 कर्मचारी शामिल थे।

मजदूरों की हुई वैद्यकीय जांच
विशेष ट्रेन से रवाना किए जाने वाले मजदूरों को ट्रेन में बैठाने के पूर्व वैद्यकीय विभाग के अधिकारियों ने मजदूरों के थर्मल स्कॅनिंग कर कोरोना वायरस में दिखाई देने वाले लक्षण किसी में तो दिखाई नहीं दे रहे हैं इसकी जांच की गई। वैद्यकीय अधिकारी यात्रियों की जानकारी तथा तापमान की पुष्टि होने के बाद उन्हें प्लेटफार्म की ओर रवाना किया।

भोजन, पानी की बोतलों का वितरण
अकोला रेलवे स्टेशन से सोमवार को रवाना हुई ट्रेन लखनऊ में मंगलवार की रात 9 बजे पहुंचेगी। ट्रेन में बैठने के पूर्व यात्रियों को भोजन के पैकेट तथा पानी की बोतलों दिए गए। जिससे उन्हें रात में भोजन तथा पानी के लिए परेशाना का सामना न करना पड़े।

1212 यात्रियों ने कटाई टिकट
लखनऊ जाने वाली इस विशेष ट्रेन से चार जिले के मजदूरों का समावेश था। पुलिस ने ट्रेन में बैठाने के लिए यात्रियों द्वारा गड़बड़ी न कर पाए इसके लिए विशेष प्रयास की व्यवस्था की गई थी। रेलवे स्टेशन के बाहर वाहनों को खड़ा कर वहां पर कर्मचारी तैनात किया गया था। जिसके बाद प्रत्येक व्यक्ति को नंबरों से टिकट निकालने के लिए टिकट बुकिंग पर भेजा गया। अकोला रेलवे स्टेशन प्रबंधक ए एस नांदुरकर ने बताया कि  टिकट काऊंटर से 1212 यात्रियों ने टिकट निकाला है। जबकि पुलिस के अनुसार ट्रेन में 1249 यात्रियों को बैठाया गया। जिसमें 37 बच्चे शामिल थे।

जिलाधीन ने हरी झंडी दिखाकर किया रवाना
अकोला से लखनऊ के लिए चलाई गई इस विशेष ट्रेन को रवाना करने के पूर्व प्लेटफार्म पर अमरावती संभाग के विभागीय आयुक्त पियूष सिंह, जिलाधीश जितेंद्र पापलकर, अपर जिलाधीश प्रा संजय खडसे, जिला पुलिस अधीक्षक अमोघ गांवकर, एसडीएम डा निलेश अपार, भुसावल के सहायक वाणिज्य प्रबंधक अनिल बागले, शहर उपविभागीय अधिकारी सचिन कदम, उपजिलाधिकारी बाबासाहब गाढवे, तहसीलदार विजय लोखंडे मौजूद थे। जिलाधीश ने शाम 5 बजे के दौरान ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर गंतव्य की ओर रवाना किया।

सोशल डिस्टेंसिंग का पालन
रेलवे स्टेशन परिसर में पहुंचने वाले यात्रियों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करवाने के लिए पहले से रेलवे विभाग की ओर से पूर्व में ही तैयारी की गई थी। रेलवे स्टेशन परिसर में यात्रियों को खडे होने के लिए मार्किंग तैयार की गई थी। जिसमें नियमानुसार यात्रियों को खडा किया गया था जिसके बाद ट्रेन में उन्हें तय मानकों के अनुसार बैठाया गया।

एक बोगी में 52 यात्री सवार
कोरोना वायरस संसर्ग वायरस होने के कारण इस विशेष ट्रेन में 24 बोगियां लगाई गई थी। पंजीकृत मजदूरों में सोशल डिस्टेंसिंग रखने के लिए एक बोगी में 52 से 53 यात्रियों को बैठाया गया था। जबकि एक बोगी में यात्रियों की आसन क्षमता 71 होती है।

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