अकोला : शराब के नशे में गला दबाकर हत्या 

अकोला : शराब के नशे में गला दबाकर हत्या 

Anita Peddulwar
Update: 2020-05-28 10:21 GMT
अकोला : शराब के नशे में गला दबाकर हत्या 

डिजिटल डेस्क अकोला । बोरगांव मंजू पुलिस थाने के अंतर्गत आने वाले सब्जी बाजार के पास गुरूवार की सुबह एक व्यक्ति की लाश मिली। घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस निरीक्षक हरीष गवली अपने सहयोगी महिला पुलिस उपनिरीक्षक वीणा पंड्या, संतोष आघाव के साथ पहुंचे। शव का परीक्षण करने के बाद मृतक की पहचान 50 वर्षीय नागेश बालु सरकटे के रूप में हुई। जांच में पुलिस को ज्ञात हुआ कि मृतक का गला दबाया गया था तथा उसके सिर के पीछे चोट आई है। पुलिस ने पंचनामा करने के बाद शव का पोस्टमार्टम करने के लिए सर्वोपचार अस्पताल भेज दिया। पुलिस ने इस मामले में आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।

आरोपी को गिरफ्तार करने करनी पड़ी मशक्कत 
लाश मिलने के बाद पुलिस ने मृतक की पहचान कर संदिग्ध आरोपी की तलाश आरंभ कर दी थी। आरोपी का सुराग लगाने के लिए पुलिस ने परिसर में लगे सीसीटीवी फुटेज तथा डॉग स्कॉड की भी सहायता ली। आखिरकार पुलिस ने काफी प्रयास के बाद कुछ घंटों के अंतराल में हत्या को अंजाम देने वाले आरोपी को गिफ्तार कर लिया।  

ऐसे घटी घटना 
पुलिस द्वारा जानकारी निकालने पर ज्ञात हुए कि मृतक संजय श्रीधर धुरधर तथा 50 वर्षीय नागेश बालु सरकटे के बीच रात के समय विवाद हुआ था। जिससे पुलिस ने आरोपी को उसके मकान से गिरफ्तार कर लिया। पुलिस पूछताछ में आरोपी ने बताया कि बुधवार की रात दोनों के बीच शराब पीने को लेकर विवाद हुआ था। जिससे दोनों के बीच हाथापाई भी हुई थी, गला जोर से दब जाने के कारण नागेश की मौत हो गई थी तथा वे सिर के बल गिरने के कारण उसे पीछे चोट आई तथा घटना स्थल पर रक्त फैल गया।

एलसीबी का दल पहुंचा घटनास्थल 
बोरगांव में हत्या की घटी वारदात की जानकारी मिलते ही पुलिस निरीक्षक शैलेष सपकाल के मार्गदर्शन में शक्ति कांबले, संदीप काटकर, दत्तात्रय ढोरे, संदीप टाले, अश्विन मिश्रा, अश्विन सिरसाट, फिरोज घटना स्थल पर पहुंचे। दल में शामिल कर्मचारियों ने आरोपी का सुराग लगाने में स्थानीय पुलिस की सहायता की जिससे पुलिस आरोपी को गिरफ्तार करने में सफल हुई।

 एसडीपीओ ने लिया जायजा 
बोरगांव मंजू में हत्या की जानकारी मिलते ही मूर्तिजापुर के उपविभागीय पुलिस अधिकारी डा अर्जुन भोसले अपने सहयोगियों के साथ घटनास्थल पहुंचे। पुलिस निरीक्षक से जानकारी लेने के बाद उन्होंने पुलिस थाने में तब तक डेरा जमाकर रखा हुआ था जब तक आरोपी मिल नहीं जाता। आरोपी मिलने के बाद उसने अपराध की कबूली देने के बाद पुलिस निरीक्षक को जांच से सम्बन्धित मार्गदर्शन कर रवाना हो गए।

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