गुजरात में शराब पर पाबंदी है, फिर भी शराब पीने वाली महिलाएं 5 साल में दोगुनी हुईं 

गुजरात में शराब पर पाबंदी है, फिर भी शराब पीने वाली महिलाएं 5 साल में दोगुनी हुईं 

Bhaskar Hindi
Update: 2021-01-11 10:56 GMT
गुजरात में शराब पर पाबंदी है, फिर भी शराब पीने वाली महिलाएं 5 साल में दोगुनी हुईं 

डिजिटल डेस्क ( भोपाल)। गुजरात में पिछले एक दशक से शराब की बिक्री पर पाबंदी है। इसके बावजूद राज्य में पिछले 5 सालों में शराब पीने वाली महिलाओं की संख्या दोगुनी हो गई है। हाल ही में नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे (एनएफएचएस) की 2019-20 की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि गुजरात में शराब बंदी के बावजूद शराब पीने वाली महिलाओं में बढ़ोतरी हुई है और पुरुषों की संख्या में 50 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। इस सर्वे में 33, 343 महिलाओं और 5,352 पुरुषों का शामिल किया गया था। 

सर्वे में पाया गया है कि शहरी क्षेत्रों में जहां 2015 में शराब पीने वाली महिलाओं का प्रतिशत 0.1 फीसदी था। वहीं, 2020 में यह बढ़कर 0.3 फीसदी हो गया है। दूसरी तरफ, ग्रामीण क्षेत्रो में 2015 में जहां 10.6 प्रतिशत पुरुष शराब पीते थे, 2020 में उनकी संख्या घटकर 4.6 फीसदी रह गई है। वहीं, ग्रामीण इलाकों में भी शराब पीने वाली महिलाओं की संख्या में इजाफा हुआ है। 2015 में 0.4 प्रतिशत महिलाएं शराब पीती थी, जो 2020 में बढ़कर 0.8 फीसदी हो गया है। 

समाजशास्त्री गौरांग जैन का कहना है कि राज्य में कुछ समुदाय ऐसे हैं, जहां शराब पीने की गहरी जड़े हैं। इन समुदाओं में शराब पीना एक रिवाज है। कई जगह पुरुष और महिलाएं दोनों ही साथ बैठकर शराब पीते हैं। हमारी ट्राइबल जनसंख्या इसका उदाहरण हैं। वहीं, एक सीनियर आईपीएस का कहना है कि उन्हें इस आंकड़ों पर विश्वास नहीं है। क्योंकि गुजरात में शराब में प्रतिबंध है और कानून के डर के कारण शराब पीने वाले सच छुपा जाते हैं। हालांकि, हम लगातार रेड करते हैं और शराब की खेप से पता चलता है कि यह आकंड़े सच भी हो सकते हैं। 

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