अब विश्व बैंक के सहयोग से होगी सरकारी कालेजों में एलुमनी मीट

अब विश्व बैंक के सहयोग से होगी सरकारी कालेजों में एलुमनी मीट

Bhaskar Hindi
Update: 2018-11-22 06:24 GMT
अब विश्व बैंक के सहयोग से होगी सरकारी कालेजों में एलुमनी मीट

डिजिटल डेस्क, भोपाल। प्रदेश के सरकारी कालेजों में अब विश्व बैंक के सहयोग से एलुमनी मीट (पूर्व छात्र सम्मेलन) होगा। इसकी शुरुआत अगले माह दिसम्बर में चयनित 150 सरकारी कालेजों से होगी तथा इसमें वर्ष 2018 के उन विद्यार्थियों को बुलाया जायेगा जिन्होंने स्नातक एवं स्नातकोत्तर परीक्षा उत्तीर्ण की है। अब तक एलुमनी मीट बड़े शैक्षणिक संस्थानों और निजी कालेजों में ही होती आई है। इस संबंध में चयनित शासकीय कालेजों को उच्च शिक्षा विभाग के स्टेट प्रोजेक्ट डायरेक्टोरेट रुसा भोपाल ने परिपत्र जारी किया है कि विश्व बैंक परियोजना के अंतर्गत स्टुडेंट ट्रेकिंग हेतु एलुमनी मीट कराने संबंधी यह कार्यक्रम विश्व बैंक परियोजना के अंतर्गत अत्यधिक महत्वपूर्ण कार्यक्रम है। इस कार्य में प्राचार्यों से आग्रह है कि वे स्नातक एवं स्नातकोत्तर कक्षाओं में सत्र 2018 में उत्तीर्ण विद्यार्थियों की आयोजित की जाने वाली एलुमनी मीट में शतप्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित करने का प्रयास करें तथा आवश्यक्तानुसार विद्यार्थियों से सम्पर्क करने के लिये ई-मेल, एसएमएस, पत्र व फेसबुक आदि माध्यमों का भी उपयोग करें।  चयनित सरकारी कालेजों के प्राचार्यों को बताया गया है कि इस एलुमनी मीट में व्यय होने वाली धनराशि अधिकतम 20 रुपये की दर से प्रतिपूर्ति  विश्व बैंक द्वारा की जायेगी। यह राशि पूर्व में इस कार्यक्रम हेतु प्रति छात्र 50 रुपये की स्वीकृत राशि से अलग होगी।

यह है उद्देश्य एलुमनी मीट का
एलुमनी मीट के माध्यम से यह पता चलाया जायेगा कि कितने विद्यार्थी आगे हायर स्टडी हेतु गये हैं, कितनों ने अपना पैतृक व्यवसाय सम्हाल लिया है, कितनों ने स्टार्टअप शुरु किया है, कितनों ने स्वरोजगार प्रारंभ किया है, कितनों ने विवाह कर लिया है और कितने रोजगार की तलाश में हैं। इसके लिये उनके वाट्सएप ग्रुप भी बनाये जायेंगे जिससे ये विद्यार्थी आपस में चर्चा करें और अपनी समस्याओं का हल ढंूढें। साथ ही कई विद्यार्थी अपने कालेज की क्षमतानुसार सहायता भी कर सकें।

इनका कहना है
‘‘वर्ल्ड  बैंक ने स्टुडेन्ट ट्रेकिंग कार्यक्रम बनाया है जिसके तहत वह फण्डिंग करता है। इसी में ये एलुमनी मीट शामिल हैं।’’  - एसके विजय, ओएसडी, रुसा, उच्च शिक्षा, मप्र

Similar News