सरकार ने नहीं मानी मांगें, आंदोलन करेंगी आंगनवाड़ी सेविकाएं व सहायिकाएं

सरकार ने नहीं मानी मांगें, आंदोलन करेंगी आंगनवाड़ी सेविकाएं व सहायिकाएं

Anita Peddulwar
Update: 2018-11-13 07:18 GMT
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डिजिटल डेस्क, नागपुर।  लंबे समय से मांगों को लेकर गुहार लगाने वाली आंगनवाड़ी सेविकाओं व सहायिकाओं ने अब आंदोलन का रास्ता अपनाने का निर्णय लिया है। केंद्र सरकार द्वारा 15 सौ रुपए मानधन नहीं बढ़ाने से नाराज आंगनवाड़ी सेविकाएं 24 व 25 नवंबर को पुणे में कांफ्रेंस करेगी। 11 दिसंबर को सरकार के खिलाफ मुंबई के आजाद मैदान से मोर्चा निकाला जाएगा। नागपुर समेत राज्य में आंगनवाड़ी सेविका व सहायिकाओं की संख्या 2 लाख से ज्यादा है। 

वादे के अनुसार नहीं मिली वृद्धि
आंगनवाड़ी सेविका व सहायिकाओं के जबरदस्त आंदोलन पर दखल लेते हुए राज्य व केंद्र सरकार ने मानधन में वृद्धि व अन्य लाभ देने का वादा किया था। राज्य सरकार ने सेवा वरीयता के अनुसार लाभ देने की प्रक्रिया शुरू की। केंद्र ने अक्टूबर से 15 सौ रुपए मानधन बढ़ाने का वादा किया था। नवंबर में सेविका व सहायिकाओं को 15 सौ रुपए की वृद्धि नहीं मिली। इसके विरोध में आंगनवाड़ी कर्मचारी संगठन (सीटू) ने 24 व 25 नवंबर को पुणे में कांफ्रेंस आयोजित की है। इसमें संगठन के प्रतिनिधि शामिल होंगे। 11 दिसंबर को मुंबई के आजाद मैदान से विधान भवन के लिए मोर्चा निकाला जाएगा। नागपुर समेत राज्य में 2 लाख से ज्यादा सेविका व मददनीस कार्यरत है। आंगनवाड़ी कर्मचारियों के लिए काम करने वाले सभी संगठन इस मोर्चे में शामिल होंगे। इस दिन सभी सेविका व सहायिकाएं काम बंद आंदोलन करेंगी। 

सरकार ने फिर धोखा किया 
सेविका व मददनीसों के साथ सरकार ने फिर एक बार धोखा किया है। नागपुर, मुंबई व दिल्ली में हुए विशाल आंदोलन की दखल लेकर केंद्र सरकार ने अक्टूबर से 15 सौ रुपए मानधन बढाने का वादा किया था। सरकार ने इस पर अमल नहीं किया। पुणे में जो कांफ्रेंस होगी, उसमें आंदोलन की रूपरेखा बनाई जाएगी। 11 दिसंबर को आजाद मैदान से मोर्चा निकलेगा। इसमें आंगनवाड़ी कर्मचारियों के लिए काम करने वाले सभी संगठन शामिल होंगे। -मधुकर भरणे, जिलाध्यक्ष, आंगनवाड़ी कर्मचारी संगठन

 

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